🙏🏽 🌷 वंदे मातरम् 🌷
सुविचार:➡ " साहस का अर्थ होता है यह पता होना कि किस बात से डरना नहीं चाहिए।
सुविचार इस शब्द में ही विचार आता है विचारों की इस बदलती श्रृंखला में ओर बदलते दौर में हमे सुविचार के माध्यम से कुछ कर दिखाने की प्रेरणा मिलती है हमारे लिए प्रेरणादायक होंगे.. सुविचार – Suvichar पढ़ने के बाद हमारे मन को एक नयी उर्जा मिलती है, जो हमें हमारे सभी काम सकारात्मक उर्जा के साथ करने के लिए प्रेरित करती है यदि आपको मेरी पोस्ट अछि लगती है तो फॉलो करें ।
🙏🏽 🌷 वंदे मातरम् 🌷
सुविचार:➡ " साहस का अर्थ होता है यह पता होना कि किस बात से डरना नहीं चाहिए।
विक्रम संवत...........२०७५
मास..............फाल्गुन
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............अष्टमी
वार..............मंगलवार
दिनांक...........२६-२-२०१९
🙏🏽 🚩 जय श्री राम 🚩
सुविचार▶ " जो हर झाड़ी की जांच करता है, वह वन में क्या घुस पाएगा..?
विक्रम संवत...........२०७५
मास..............फाल्गुन
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............चतुर्थी
वार..............शनिवार
दिनांक...........२३-२-२०१९
🙏🏽 🌺 सुप्रभातम् 🌺
सुविचार:↔ " निराश हुए बिना पराजय को सह लेना, साहस की सबसे बड़ी मिसाल है।"
"आत्मविश्वास वह संबल है, जो रास्ते की हर बाधा को धराशायी कर सकता है।"
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सुविचार
🍁 वंदे मातरम् 🍁 🙏🏽
विक्रम संवत...........२०७५
मास..............फाल्गुन
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............प्रथमा
वार..............बुधवार
दिनांक...........२०-२-२०१९
तन मन को व्यथित कर देने वाली अत्यन्त पाशविक एवं भर्तस्नीय घटना है।
शहीद जवानों की शहादत को कोटिश: नमन🙏🙏🙏
विक्रम संवत...........२०७५
मास..............माघ
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............अष्टमी
वार..............बुधवार
दिनांक...........१३-२-२०१९
🌷 वंदे मातरम् 🌷 🙏🏽
सुविचार:↔ " दयालुता हमें ईश्वर तुल्य बनाती है।
विक्रम संवत...........२०७५
मास..............माघ
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............षष्टी
वार..............सोमवार
दिनांक...........११-२-२०१९
💐 🕉 नम:शिवाय 💐🙏🏽
सुविचार:↔ " दयालु चेहरा सदैव सुंदर होता है।"
विक्रम संवत...........२०७५
मास..............माघ
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............चतुर्थी
वार..............शनिवार
दिनांक...........९-२-२०१९
🍁 सुप्रभातम् 🍁 🙏🏽
सुविचार:➡ " अपनी भूलों को स्वीकारना उस झाडू के समान है जो गंदगी को साफ़ कर उस स्थान को पहले से अधिक स्वच्छ कर देती है।"
विक्रम संवत...........२०७५
मास..............माघ
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............द्वित्तीय
वार..............गुरूवार
दिनांक...........७-२-२०१९
🌺 भारत माता की जय 🌺 🙏🏽
सुविचार
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" व्यवहार वह दर्पण है, जिसमें प्रत्ये़क का प्रतिबिम्ब देखा जा सकता है।"
" संयम और श्रम मानव के दो सर्वोत्तम चिकित्सक हैं।
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सुविचार
🌼 वंदे मातरम् 🌼 🙏🏽
विक्रम संवत...........२०७५
मास..............माघ
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............द्वित्तीया
वार..............बुधवार
दिनांक...........६-२-२०१९
विक्रम संवत...........२०७५
मास..............माघ
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............प्रथमा
वार..............मंगलवार
दिनांक...........५-२-२०१९
🙏🏽 🚩 जय श्री राम 🚩
सुविचार:↔ " चरित्र की शुद्धि ही सारे ज्ञान का ध्येय होनी चाहिए।
विक्रम संवत...........२०७५
मास..............माघ
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............त्रयोदशी
वार..............शनिवार
दिनांक...........२-२-२०१९
🙏🏽 🌻 शुभम मंगल 🌻
सुविचार:➡ " जो व्यक्ति अपने अवगुण और दूसरों के गुण देखता है, वही महान व्यक्ति बन सकता है।"
*मणिकर्णिका...*
*कंगना राणावत की फ़िल्म "मणिकर्णिका"!*
सच कहें तो 'महारानी झाँसी' जैसे चरित्र को परदे पर उतारना बड़ा कठिन कार्य है। धन्यवाद के पात्र हैं वे लोग जिन्होंने यह फ़िल्म बनाने की सोची। देखी जानी चाहिए यह फ़िल्म, ताकि समझ सकें हम अपने इतिहास को...
*मणिकर्णिका* देखिये, ताकि आप जान सकें कि भारत की पवित्र भूमि ने कैसी-कैसी बेटियों को जन्म दिया है।
*मणिकर्णिका* देखिये, ताकि भविष्य में जब कोई मूर्ख माँ दुर्गा के अस्तित्व पर प्रश्न उठाये तो आप उसके मुंह पर थूक कर कहें कि "देख! ऐसी थीं माँ दुर्गा..."
*मणिकर्णिका* देखिये, ताकि आप जान सकें कि नारीवाद के झूठे दलालों का पितामह जब जर्मनी में जन्मा भी नहीं था, तभी भारत में हमारी बेटियां कैसे सत्ता सम्भालती थीं, कैसे इतिहास रचती थीं, और किस धूम के साथ मरती थीं।
*मणिकर्णिका* देखिये, ताकि आप अपने बेटों को बता सकें कि हमारे लिए बेटियां क्यों पूज्य होती हैं।
*मणिकर्णिका* देखिये, ताकि आप अपनी बेटियों से कह सकें कि तुम बेटों से किसी भी मामले में कम नहीं हो। ताकि आप अपनी बेटियों को बता सकें कि "नारी उत्थान" की सच्ची परिभाषा वह नहीं जो स्वरा भास्कर या अरुंधति राय जैसी मूर्ख औरतें बताती हैं, स्त्री मर्यादा वह है जो हमें हमारी मनू बता कर गयी है।
*मणिकर्णिका* देखिये, ताकि आप शिवाजी महाराज के रामराज्य के स्वप्न को समझ सकें।
*मणिकर्णिका* देखिये, ताकि परदे पर ही सही,भगवा ध्वज तले निकली शौर्य की उस अप्रतिम शोभायात्रा को देख कर आपकी आँखे पवित्र हो सकें।
*मणिकर्णिका* देखिये, ताकि आप समझ सकें कि स्वतन्त्रता की खुली हवा में लिया गया एक-एक सांस हमारे ऊपर ऋण है उन असंख्य झलकारियों का, जिन्होंने हमारे लिए स्वयं की बलि चढ़ाई थी। यह फ़िल्म तमाचा है उन गद्दारों के गाल पर, जो सरकार से प्रतिवर्ष लाखों की छात्रवृति ले कर भी "हमें चाहिए आजादी" का अवैध नारा लगाते हैं। असंख्य लक्ष्मीबाईयों के वलिदान के फलस्वरूप मिले इस 'देश' के टुकड़े करने के स्वप्न देखने वाली निर्लज्ज मानसिकता को फिल्मोद्योग की ओर से अनायास ही दिया गया एक उत्तर है यह फ़िल्म। *मणिकर्णिका मात्र किसी महारानी का नाम नहीं, आजादी का मूल्य बताने वाली किताब का नाम है।*
*मणिकर्णिका* देखिये, ताकि मरती मणिकर्णिका को देख कर आपकी आँखों से निकली अश्रु की बूंदे चिल्ला कर कह सकें, *"तेरा बैभव अमर रहे माँ हम दिन चार रहें न रहें..."*
फ़िल्म के एक दृश्य में जहाँ महारानी जनरल ह्यूरोज को घोड़े में बांध कर घसीटती हैं, मेरा दावा है उसे देख कर कह उठेंगे आप, "ईश्वर, बेटियाँ देना तो मनू जैसी देना"
झाँसी की सम्पति पर से ईस्ट इंडिया कम्पनी के हर अधिकार को नकारती हुई लक्ष्मीबाई का गरजता स्वरूप देखिये, मैं पूरे विश्वास से कहता हूँ कि आपका माथा उस वीरांगना के समक्ष अनायास ही झुक जाएगा। एक विधवा महारानी का यह संवाद, "हम लड़ेंगे, ताकि आने वाली पीढियां अपनी आजादी का उत्सव मना सकें" अकेला ही सक्षम है युगों को राष्ट्रीयता का पाठ पढ़ाने में।
*मणिकर्णिका* फ़िल्म के संवाद कैसे हैं, संगीत कैसा है, सिनेमेटोग्राफी कैसी है, कलाकारों का अभिनय कैसा है, निर्देशन कैसा है, दृश्यों की भव्यता किस लायक है, मेरे लिए इन प्रश्नों का कोई मोल नहीं। मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण यह है कि फ़िल्म में मणिकर्णिका वैसी ही दिखी है, जैसी बचपन में सुभद्रा कुमारी चौहान की अमर कविता 'खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी' पढ़ कर लगीं थी। उस कविता को पढ़ कर भी रोंगटे खड़े होते थे, फ़िल्म देख कर भी रोंगटे खड़े हो रहे हैं।
फिल्मोद्योग की अपनी कुछ व्यवसायिक सीमाएँ हैं जिनसे बंधी यह फ़िल्म कहीं-कहीं आपको तथ्यहीन लगेगी, पर फ़िल्म महारानी लक्ष्मीबाई के महान शौर्य को दिखाने में पूर्णतः सफल रही है इसमें तनिक भी सन्देह नहीं।
यह फिल्म स्वयं ही नहीं अपने परिचितों को भी दिखाइए ताकि भारत के भविष्य को उसका इतिहास ज्ञात रहे।
किताबों से दूर होती नई पीढ़ी परदे की भाषा ही अधिक समझ रही है न, तो क्यों न उसे उसी भाषा में ही उसके पुश्तैनी शौर्य का स्मरण कराया जाये।
मनु जैसी वीरांगनायें हर युग के लिए मार्गदर्शक बनी रहेंगी।
🚩 हर हर महादेव
विक्रम संवत...........२०७५
मास..............माघ
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............द्वादशी
वार..............शुक्रवार
दिनांक...........१-२-२०१९
🙏🏽 🍁 सुप्रभातम् 🍁
सुविचार:⏩ " अपने चारित्रिक सुधार का आर्किटेक्ट खुद को बनना होगा।"