विक्रम संवत...........२०७६
मास..............आषाढ
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............एकादशी
वार..............शनिवार
दिनांक...........२९-६-२०१९
🙏🏽 🌺 शुभम मंगल 🌺
सुविचार:↔ "धीर गंभीर कभी उबाल नहीं खाते।"
सुविचार इस शब्द में ही विचार आता है विचारों की इस बदलती श्रृंखला में ओर बदलते दौर में हमे सुविचार के माध्यम से कुछ कर दिखाने की प्रेरणा मिलती है हमारे लिए प्रेरणादायक होंगे.. सुविचार – Suvichar पढ़ने के बाद हमारे मन को एक नयी उर्जा मिलती है, जो हमें हमारे सभी काम सकारात्मक उर्जा के साथ करने के लिए प्रेरित करती है यदि आपको मेरी पोस्ट अछि लगती है तो फॉलो करें ।
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............आषाढ
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............एकादशी
वार..............शनिवार
दिनांक...........२९-६-२०१९
🙏🏽 🌺 शुभम मंगल 🌺
सुविचार:↔ "धीर गंभीर कभी उबाल नहीं खाते।"
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............आषाढ
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............एकादशी
वार..............शुक्रवार
दिनांक...........२८-६-२०१९
🙏🏽 💐 सुप्रभातम् 💐
सुविचार:▶ " जैसे सोना अग्नि में चमकता है, वैसे ही धैर्यवान आपदा में दमकता है।"
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............आषाढ
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............दशमी
वार..............गुरूवार
दिनांक...........२७-६-२०१९
🙏🏽 🌷 भारत माता की जय 🌷
सुविचार:⏩ " धैर्य और परिश्रम से हम वह प्राप्त कर सकते हैं, जो शक्ति और शीघ्रता से कभी नहीं कर सकते।"
'Mind set'
आजकल लोगों की एक सोच बन गई है कि राजपूतों ने लड़ाई तो की, लेकिन वे एक हारे हुए योद्धा थे, जो कभी अलाउद्दीन से हारे, कभी बाबर से हारे, कभी अकबर से, कभी औरंगज़ेब से...
क्या वास्तव में ऐसा ही है ?
यहां तक कि समाज में भी ऐसे कईं राजपूत हैं, जो महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान आदि योद्धाओं को महान तो कहते हैं, लेकिन उनके मन में ये हारे हुए योद्धा ही हैं
महाराणा प्रताप के बारे में ऐसी पंक्तियाँ गर्व के साथ सुनाई जाती हैं :-
"जीत हार की बात न करिए, संघर्षों पर ध्यान करो"
"कुछ लोग जीतकर भी हार जाते हैं, कुछ हारकर भी जीत जाते हैं"
असल बात ये है कि हमें वही इतिहास पढ़ाया जाता है, जिनमें हम हारे हैं
मेवाड़ के राणा सांगा ने 100 से अधिक युद्ध लड़े, जिनमें मात्र एक युद्ध में पराजित हुए और आज उसी एक युद्ध के बारे में दुनिया जानती है, उसी युद्ध से राणा सांगा का इतिहास शुरु किया जाता है और उसी पर ख़त्म
राणा सांगा द्वारा लड़े गए खंडार, अहमदनगर, बाड़ी, गागरोन, बयाना, ईडर, खातौली जैसे युद्धों की बात आती है तो शायद हम बता नहीं पाएंगे और अगर बता भी पाए तो उतना नहीं जितना खानवा के बारे में बता सकते हैं
भले ही खातौली के युद्ध में राणा सांगा अपना एक हाथ व एक पैर गंवाकर दिल्ली के इब्राहिम लोदी को दिल्ली तक खदेड़ दे, तो वो मायने नहीं रखता, बयाना के युद्ध में बाबर को भागना पड़ा हो तब भी वह गौण है
मायने रखता है तो खानवा का युद्ध जिसमें मुगल बादशाह बाबर ने राणा सांगा को पराजित किया
सम्राट पृथ्वीराज चौहान की बात आती है तो, तराईन के दूसरे युद्ध में गौरी ने पृथ्वीराज चौहान को हराया
तराईन का युद्ध तो पृथ्वीराज चौहान द्वारा लडा गया आखिरी युद्ध था, उससे पहले उनके द्वारा लड़े गए युद्धों के बारे में कितना जानते हैं हम ?
इसी तरह महाराणा प्रताप का ज़िक्र आता है तो हल्दीघाटी नाम सबसे पहले सुनाई देता है
हालांकि इस युद्ध के परिणाम शुरु से ही विवादास्पद रहे, कभी अनिर्णित माना गया, कभी अकबर को विजेता माना तो हाल ही में महाराणा को विजेता माना
बहरहाल, महाराणा प्रताप ने गोगुन्दा, चावण्ड, मोही, मदारिया, कुम्भलगढ़, ईडर, मांडल, दिवेर जैसे कुल 21 बड़े युद्ध जीते व 300 से अधिक मुगल छावनियों को ध्वस्त किया
महाराणा प्रताप के समय मेवाड़ में लगभग 50 दुर्ग थे, जिनमें से तकरीबन सभी पर मुगलों का अधिकार हो चुका था व 26 दुर्गों के नाम बदलकर मुस्लिम नाम रखे गए, जैसे उदयपुर बना मुहम्मदाबाद, चित्तौड़गढ़ बना अकबराबाद
फिर कैसे आज उदयपुर को हम उदयपुर के नाम से ही जानते हैं ?... ये हमें कोई नहीं बताता
असल में इन 50 में से 2 दुर्ग छोड़कर शेष सभी पर महाराणा प्रताप ने विजय प्राप्त की थी व लगभग सम्पूर्ण मेवाड़ पर दोबारा अधिकार किया था
दिवेर जैसे युद्ध में भले ही महाराणा के पुत्र अमरसिंह ने अकबर के काका सुल्तान खां को भाले के प्रहार से कवच समेत ही क्यों न भेद दिया हो, लेकिन हम तो सिर्फ हल्दीघाटी युद्ध का इतिहास पढ़ेंगे, बाकी युद्ध तो सब गौण हैं इसके आगे!!!!
महाराणा अमरसिंह ने मुगल बादशाह जहांगीर से 17 बड़े युद्ध लड़े व 100 से अधिक मुगल चौकियां ध्वस्त कीं, लेकिन हमें सिर्फ ये पढ़ाया जाता है कि 1615 ई. में महाराणा अमरसिंह ने मुगलों से संधि की | ये कोई नहीं बताएगा कि 1597 ई. से 1615 ई. के बीच क्या क्या हुआ |
महाराणा कुम्भा ने 32 दुर्ग बनवाए, कई ग्रंथ लिखे, विजय स्तंभ बनवाया, ये हम जानते हैं, पर क्या आप उनके द्वारा लड़े गए गिनती के 4-5 युद्धों के नाम भी बता सकते हैं ?
महाराणा कुम्भा ने आबू, मांडलगढ़, खटकड़, जहांजपुर, गागरोन, मांडू, नराणा, मलारणा, अजमेर, मोडालगढ़, खाटू, जांगल प्रदेश, कांसली, नारदीयनगर, हमीरपुर, शोन्यानगरी, वायसपुर, धान्यनगर, सिंहपुर, बसन्तगढ़, वासा, पिण्डवाड़ा, शाकम्भरी, सांभर, चाटसू, खंडेला, आमेर, सीहारे, जोगिनीपुर, विशाल नगर, जानागढ़, हमीरनगर, कोटड़ा, मल्लारगढ़, रणथम्भौर, डूंगरपुर, बूंदी, नागौर, हाड़ौती समेत 100 से अधिक युद्ध लड़े व अपने पूरे जीवनकाल में किसी भी युद्ध में पराजय का मुंह नहीं देखा
चित्तौड़गढ़ दुर्ग की बात आती है तो सिर्फ 3 युद्धों की चर्चा होती है :-
1) अलाउद्दीन ने रावल रतनसिंह को पराजित किया
2) बहादुरशाह ने राणा विक्रमादित्य के समय चित्तौड़गढ़ दुर्ग जीता
3) अकबर ने महाराणा उदयसिंह को पराजित कर दुर्ग पर अधिकार किया
क्या इन तीन युद्धों के अलावा चित्तौड़गढ़ पर कभी कोई हमले नहीं हुए ?
इस तरह राजपूतों ने जो युद्ध हारे हैं, इतिहास में हमें वही पढ़ाया जाता है
बहुत से लोग हमें नसीहत देते हैं कि तुम राजपूतों के पूर्वजों ने सही रणनीति से काम नहीं लिया, घटिया हथियारों का इस्तेमाल किया इसीलिए हमेशा हारे हो
अब उन्हें किन शब्दों में समझाएं कि उन्हीं हथियारों से हमने अनगिनत युद्ध जीते हैं, मातृभूमि का लहू से अभिषेक किया है, सैंकड़ों वर्षों तक विदेशी शत्रुओं की आग उगलती तोपों का अपनी तलवारों से सामना किया है
साथ ही सभी भाइयों से निवेदन करूंगा कि आप अपने महापुरुषों के बारे में वास्तविक इतिहास पढिए, ताकि आने वाली पीढ़ियां हमें वही समझे, जो वास्तव में हम थे!
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............आषाढ
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............नवमी
वार..............बुधवार
दिनांक...........२६-६-२०१९
🙏🏽 🌸 वंदे मातरम् 🌸
सुविचार:👉 " धैर्य प्रतिभा का आवश्यक अंग है।"
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............आषाढ
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............अष्टमी
वार..............मंगलवार
दिनांक...........२५-६-२०१९
🙏🏽 🚩 जय श्री राम 🚩
सुविचार
👇
" अवसर के रहने की जगह कठिनाइयों के बीच है।"
बहन बेटी पर एक छोटी लघु कथा
जरूर 2 मिनट का समय जरूर निकले
Prince ??????
*_पिताजी जोर से चिल्लाते हैं ।_*
प्रिंस दौड़कर आता है पूछता है...
क्या बात है पिताजी?
*पिताजी-* तूझे पता नहीं है आज तेरी बहन रश्मि आ रही है? वह इस बार हम सभी के साथ अपना जन्मदिन मनायेगी..अब जल्दी से जा और अपनी बहन को लेके आ।
हाँ और सुन...तू अपनी नई गाड़ी लेके जा जो तूने कल खरीदी है..उसे अच्छा लगेगा।
*प्रिंस -* लेकिन मेरी गाड़ी तो मेरा दोस्त ले गया है सुबह ही...और आपकी गाड़ी भी ड्राइवर ये कहके ले गया की गाड़ी की ब्रेक चेक करवानी है।
*पिताजी -* ठीक है तो तू स्टेशन तो जा कीसी की गाड़ी या किराया की करके? उसे बहुत खुशी मिलेगी ।
*प्रिंस -* अरे वह बच्ची है क्या जो आ नहीं सकेगी ?
टैक्सी या आटो लेकर आ जायेगी आप चिंता क्यों करते हो ....
*पिताजी -* तूझे शर्म नहीं आती ऐसा बोलते हुए ?
घर मे गाडी़यां होते हुए भी घर की बेटी किसी टैक्सी या आटो से आयेगी ?
*प्रिंस -* ठीक है आप जाओ मुझे बहुत काम है मैं नहीं जा सकता...
*पिताजी -* तूझे अपनी बहन की थोड़ी भी फिकर नहीं ?
शादी हो गई तो क्या बहन पराया हो गई ....
क्या उसे हम सबका प्यार पाने का हक नहीं ?
तेरा जितना अधिकार है इस घर में उतना ही तेरी बहन का भी है। कोई भी बेटी या बहन मायके छोड़ने के बाद वह पराया नहीं होती।
*प्रिंस -* मगर मेरे लिए वह पराया हो चुकी है और इस घर पे सिर्फ मेरा अधिकार है।
तडाक ...अचानक पिताजी का हाथ उठ जाता है प्रिंस पर...
और तभी माँ भी आ जाती है ।
*मम्मी -* आप कुछ शरम तो कीजिये ऐसे जवान बेटे पर हाथ नहीं उठाते।
*पिताजी -* तुमने सुना नहीं इसने क्या कहा ? अपनी बहन को पराया कहता है ....
ये वही बहन है जो इससे एक पल भी जुदा नहीं होती थी हर पल इसका ख्याल रखती थी।
पाकेट मनी से भी बचाकर इसके लिए कुछ न कुछ खरीद देती थी। बिदाई के वक्त भी हमसे ज्यादा अपने भाई से गले लगकर रोई थी।
और ये आज उसी बहन को पराया कहता है।
*प्रिंस -*(मुस्कुराके) बुआ का भी तो आज ही जन्मदिन है पापा...
वह कई बार इस घर मे आई है मगर हर बार आटो से आई है..
आपने कभी भी अपनी गाड़ी लेकर उन्हें लेने नहीं गये...
माना वह आज वह तंगी मे है मगर कल वह भी बहुत अमीर थी आपको मुझको इस घर को उन्होंने दिल खोलकर सहायता और सहयोग किया है।
बुआ भी इसी घर से बिदा हुई थी फिर *रश्मि दी और बुआ मे फर्क कैसा।*
रश्मि मेरी बहन है तो बुआ भी तो आपकी बहन है।
कि तभी बाहर गाड़ी रूकने की आवाज आती है....
तब तक पापा प्रिंस की बातों से पश्चाताप की आग मे जलकर रोने लगे और इधर रश्मि भी दौड़कर पापा मम्मी से गले मिलती है.. लेकिन उनकी हालत देखकर पूछती है कि क्या हुआ पापा?
*पापा -* तेरा भाई आज मेरा भी पापा बन गया है ।
*रश्मि -* भाई की तरफ देखते हुए ऐ पागल...
नई गाड़ी न? बहुत ही अच्छी है... मैंने ड्राइवर को पीछे बिठाकर खुद चलाके आई हूँ और कलर भी मेरी पसंद का है।
*प्रिंस -* happy birthday to you दी...वह गाड़ी आपकी है और हमारे तरफ से आपको birthday gift..
बहन सुनते ही खुशी से उछल पड़ती है की तभी बुआ भी अंदर आती है ।
*बुआ -* क्या भैया आप भी न, ???
न कोई फोन न कोई खबर अचानक भेज दी गाड़ी..... भागकर आई हूँ खुशी से।
ऐसा लगा जैसे पापा आज भी जिंदा हैं...
*इधर पिताजी अपनी पलकों मे आंसु लिये प्रिंस की ओर देखते हैं और प्रिंस पापा को चुप रहने को इशारा करता है।*
इधर बुआ कहती जाती है कि मैं कितनी भाग्यशाली हूँ कि मुझे पिता जैसा भैया मिला,
ईश्वर करे मुझे हर जन्म मे आप ही भैया मिले...
पापा मम्मी को पता चल गया था कि ...
ये सब प्रिंस की करतूत है मगर आज फिर एक बार रिश्तों को मजबूती से जुड़ते देखकर वह अंदर से खुशी से टूटकर रोने लगे। उन्हें अब पूरा यकीन था कि ..
मेरे जाने के बाद भी मेरा प्रिंस रिश्तों को सदा हिफाजत से रखेगा,.....
*_बेटी और बहन दो बेहद अनमोल शब्द हैं..._*
*_जिनकी उम्र बहुत कम होती है । क्योंकि शादी के बाद एक बेटी और बहन किसी की पत्नी तो किसी की भाभी और किसी की बहू बनकर रह जाती है।_*
शायद लड़कियाँ इसलिए मायके आती होंगी कि....
*उन्हें फिर से बेटी और बहन शब्द सुनने को बहुत मन करता होगा ।*
🌹🙏🙏🌹
" बुद्धिमान व्यक्ति को जितने अवसर मिलते हैं, उनसे अधिक वह पैदा करता है।"
👆
सुविचार
🙏🏽 🕉 हर हर महादेव 🕉
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............आषाढ
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............सप्तमी
वार..............सोमवार
दिनांक...........२४-६-२०१९
*कर्मठ*
*युवा नेता*
*समाजसेवी*
*हृदय सम्राट*
*संघर्षशील*
*जुझारू*
*आधारस्तम्भ*
*जननायक*
*हरदिल अज़ीज*
ये सब * बेरोजगार (फोकटिया)* के पर्यायवाची शब्द है।
😂😂😂
मौसम बदलने लगा ओर बरसात आने लगी🌧⚡
"उज्जैन धाम"की याद मुझसे रह रह कर सताने लगी
जब मैने छूकर देखा बारिश की बूंदों को ..
तो हर बूंद में "महाकाल" की तसवीर नज़र आने लगी ।।
हर हर महादेव
ॐ नमो नारायण 🙏🙏
न संघर्ष न तकलीफें फिर क्या मजा है जीने में...
तूफान भी रूक जाएगा जब लक्ष्य रहेगा सीने में..
पसीने की स्हायी से लिखे पन्ने कभी कोरे नहीं होते
जो करते है मेहनत दर मेहनत उनके सपने कभी अधूरे नहीं होते...
🙏🌹 🌹🙏
🙏🌹सुबह का प्रणाम🌹🙏
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............आषाढ
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............पंचमी
वार..............शनिवार
दिनांक...........२२-६-२०१९
🙏🏽 🌼 शुभम मंगल 🌼
सुविचार:➡ " ऐसा न सोचे कि अवसर हमारा दरवाज़ा दोबारा खटखटाएगा।
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............आषाढ
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............चतुर्थी
वार..............शुक्रवार
दिनांक...........२१-६-२०१९
🙏🏽 🌺 सुप्रभातम् 🌺
सुविचार:↔ " अवसर पर दुश्मन को न लगाया हुआ थप्पड़ अपने मुंह पर लगता है।"
*अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आप सभी को शुभकामनाएं*🙏🏽
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............आषाढ
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............द्वित्तीया
वार..............बुधवार
दिनांक...........१९-६-२०१९
🙏🏽💐 वंदे मातरम् 💐
सुविचार:⏩ " जो हानि हो चुकी है, उसके लिए शोक करना अधिक हानि को आमंत्रित करना है।"
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............आषाढ
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............प्रथमा
वार..............मंगलवार
दिनांक...........१८-६-२०१९
🙏🏽 🚩 जय श्री राम 🚩
सुविचार:➡ " उस मनुष्य से गरीब कोई नहीं जिसके पास केवल धन है।"
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............ज्येष्ठ
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............पूर्णिमा
वार..............सोमवार
दिनांक...........१७-६-२०१९
🙏🏽 🕉 हर हर महादेव 🕉
सुविचार:↔ " धन अच्छा सेवक है, परन्तु ख़राब स्वामी भी है।"
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............ज्येष्ठ
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............त्रयोदशी
वार..............शनिवार
दिनांक...........१५-६-२०१९
🙏🏽 🌷 शुभम मंगल 🌷
सुविचार:👉 " धन अपना पराया नहीं देखता है।"
डा महेश सिन्हा की एक बहुत उपयोगी पोस्ट ---
मस्तिष्क आघात के मरीज़ को कैसे पहचानें?
मस्तिष्क आघात --जी वही, जिसे कईं बार ब्रेन-स्ट्रोक भी कह दिया जाता है अथवा आम भाषा में दिमाग की नस फटना या ब्रेन-हैमरेज भी कह देते हैं।
इस के बारे में पोस्ट डाक्टर साहब लिखते हैं ----
एक पार्टी चल रही थी, एक मित्र को थोड़ी ठोकर सी लगी और वह गिरते गिरते संभल गई और अपने आस पास के लोगों को उस ने यह कह कर आश्वस्त किया कि सब कुछ ठीक है, बस नये बूट की वजह से एक ईंट से थोड़ी ठोकर लग गई थी। (आस पास के लोगों ने ऐम्बुलैंस बुलाने की पेशकश भी की).
साथ में खड़े मित्रों ने उन्हें साफ़ होने में उन की मदद की और एक नई प्लेट भी आ गई। ऐसा लग रहा था कि इन्ग्रिड थोड़ा अपने आप में नहीं है लेकिन वह पूरी शाम पार्टी तो एकदम एन्जॉय करती रहीं। बाद में इन्ग्रिड के पति का लोगों को फोन आया कि कि उसे हस्पताल में ले जाया गया लेकिन वहां पर उस ने उसी शाम को दम तोड़ दिया।
दरअसल उस पार्टी के दौरान इन्ग्रिड को ब्रेन-हैमरेज हुआ था --अगर वहां पर मौजूद लोगों में से कोई इस अवस्था की पहचान कर पाता तो आज इन्ग्रिड हमारे बीच होती।
ठीक है ब्रेन-हैमरेज से कुछ लोग मरते नहीं है --लेकिन वे सारी उम्र के लिये अपाहिज और बेबसी वाला जीवन जीने पर मजबूर तो हो ही जाते हैं।
जो नीचे लिखा है इसे पढ़ने में केवल आप का एक मिनट लगेगा ---
स्ट्रोक की पहचान ---
एक न्यूरोलॉजिस्ट कहते हैं कि अगर स्ट्रोक का कोई मरीज़ उन के पास तीन घंटे के अंदर पहुंच जाए तो वह उस स्ट्रोक के प्रभाव को समाप्त (reverse)भी कर सकते हैं---पूरी तरह से। उन का मानना है कि सारी ट्रिक बस यही है कि कैसे भी स्ट्रोक के मरीज़ की तुरंत पहचान हो, उस का निदान हो और उस को तीन घंटे के अंदर डाक्टरी चिकित्सा मुहैया हो, और अकसर यह सब ही अज्ञानता वश हो नहीं पाता।
स्ट्रोक के मरीज़ की पहचान के लिये तीन बातें ध्यान में रखिये --और इस से पहले हमेशा याद रखिये ----STR.
डाक्टरों का मानना है कि एक राहगीर भी तीन प्रश्नों के उत्तर के आधार पर एक स्ट्रोक के मरीज की पहचान करने एवं उस का बहुमूल्य जीवन बचाने में योगदान कर सकता है.......इसे अच्छे से पढ़िये और मन में बैठा लीजिए --
S ---Smile आप उस व्यक्ति को मुस्कुराने के लिये कहिए।
T-- talk उस व्यक्ति को कोई भी सीधा सा एक वाक्य बोलने के लिये कहें जैसे कि आज मौसम बहुत अच्छा है।
R --- Raise उस व्यक्ति को दोनों बाजू ऊपर उठाने के लिये कहें।
अगर इस व्यक्ति को ऊपर लिखे तीन कामों में से एक भी काम करने में दिक्कत है , तो तुरंत ऐम्बुलैंस बुला कर उसे अस्पताल शिफ्ट करें और जो आदमी साथ जा रहा है उसे इन लक्षणों के बारे में बता दें ताकि वह आगे जा कर डाक्टर से इस का खुलासा कर सके।
नोट करें ---- स्ट्रोक का एक लक्षण यह भी है --
1. उस आदमी को जिह्वा (जुबान) बाहर निकालने को कहें।
2. अगर जुबान सीधी बाहर नहीं आ रही और वह एक तरफ़ को मुड़ सी रही है तो भी यह एक स्ट्रोक का लक्षण है।
एक सुप्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट का कहना है कि अगर इस ई-मेल को पढ़ने वाला इसे आगे दस लोगों को भेजे तो शर्तिया तौर पर आप एक बेशकीमती जान तो बचा ही सकते हैं ....
और यह जान आप की अपनी भी हो सकती है -।
*समय गूंगा नहीं*
*बस मौन है,*
*वक्त पर बताता है*
*किसका कौन है!
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............ज्येष्ठ
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............द्वादशी
वार..............शुक्रवार
दिनांक...........१४-६-२०१९
🙏🏽 🍁 सुप्रभातम् 🍁
सुविचार
👇
" महान मनुष्य की पहली पहचान उसकी नम्रता है।"
बहुत दिन बाद पकड़ में आई...
थोड़ी सी खुशी...
तो पूछा ?
"कहाँ रहती हो
आजकल....
ज्यादा मिलती नहीं..?"
यहीं तो हूँ"
जवाब मिला।
बहुत भाव खाती हो खुशी ?..
कुछ सीखो
अपनी बहन से...
हर दूसरे दिन आती है
हमसे मिलने.. "परेशानी"।
"आती तो मैं भी हूं...
पर आप
ध्यान नहीं देते"।
"अच्छा?".
"कहाँ थी तुम जब पड़ोसी ने नई गाड़ी ली?"
"और तब कहाँ थी जब रिश्तेदार ने बड़ा घर बनाया?"
शिकायत होंठो पर थी
कि.....
उसने टोक दिया
बीच में.
"मैं रहती हूँ..…
कभी आपके बच्चे की किलकारियों में,
कभी रास्ते में मिल जाती हूँ ..
एक दोस्त के रूप में,
कभी ...
एक अच्छी फिल्म देखने में,
कभी...
गुम होकर मिली हुई किसी चीज़ में,
कभी...
घरवालों की परवाह में,
कभी ...
मानसून की पहली बारिश में,
कभी...
कोई गाना सुनने में,
दरअसल...
थोड़ा थोड़ा बांट देती हूँ,
खुद को
छोटे छोटे पलों में....
उनके अहसासों में।
लगता है चश्मे का नंबर बढ़ गया है
आपका.?
सिर्फ बड़ी चीज़ो
में ही ढूंढते हो मुझे,
खैर...
अब तो पता मालूम हो गया ना मेरा,
ढूंढ लेना मुझे आसानी से अब छोटी छोटी बातों में।😊😊
1.पैतालीस साल की अवस्था में "उच्च शिक्षित" और "अल्प शिक्षित" एक जैसे ही होते हैं।
2. पचपन साल की अवस्था में "रूप" और "कुरूप" एक जैसे ही होते हैं। (आप कितने ही सुन्दर क्यों न हों झुर्रियां, आँखों के नीचे के डार्क सर्कल छुपाये नहीं छुपते)
3. साठ साल की अवस्था में "उच्च पद" और "निम्न पद" एक जैसे ही होते हैं।(चपरासी भी अधिकारी के सेवा निवृत्त होने के बाद उनकी तरफ़ देखने से कतराता है)
4. सत्तर साल की अवस्था में "बड़ा घर" और "छोटा घर" एक जैसे ही होते हैं। (घुटनों का दर्द और हड्डियों का गलना आपको बैठे रहने पर मजबूर कर देता है, आप छोटी जगह में भी गुज़ारा कर सकते हैं)
5. अस्सी साल की अवस्था में आपके पास धन का "होना" या "ना होना" एक जैसे ही होते हैं। ( अगर आप खर्च करना भी चाहें, तो आपको नहीं पता कि कहाँ खर्च करना है)
6. नब्बे साल की अवस्था में "सोना" और "जागना" एक जैसे ही होते हैं। (जागने के बावजूद भी आपको नहीं पता कि क्या करना है).
जीवन को सामान्य रुप में ही लें क्योंकि जीवन में रहस्य नहीं हैं जिन्हें आप सुलझाते फिरें।
आगे चल कर एक दिन हम सब की यही स्थिति होनी है इसलिए चिंता, टेंशन छोड़ कर मस्त रहें स्वस्थ रहें।
यही जीवन है और इसकी सच्चाई भी।
🤚 *आज सुविचार* ✋
*"चैन से जीने के लिए चार रोटी और दो कपड़े काफ़ी हैं "।*
*"पर, बेचैनी से जीने के लिए चार मोटर कार, दो बंगले और तीन प्लॉट भी कम हैं !!"*
" नमस्कार करने वाला व्यक्ति विनम्रता को ग्रहण करता है और समाज में सभी के प्रेम का पात्र बन जाता है।"
👆
सुविचार
🙏🏽 🌸 भारत माता की जय 🌸
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............ज्येष्ठ
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............एकादशी{निर्जला}
वार..............गुरूवार
दिनांक...........१३-६-२०१९
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............ज्येष्ठ
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............दशमी{गंगा}
वार..............बुधवार
दिनांक...........१२-६-२०१९
🙏🏽 🌼 वंदे मातरम् 🌼
सुविचार:⏩ "अपनी ग़लती स्वीकार कर लेने में लज्जा की कोई बात नहीं है।
इससे दूसरे शब्दों में यही प्रमाणित होता है कि कल की अपेक्षा आज आप अधिक समझदार हैं।"
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............ज्येष्ठ
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............अष्टमी
वार..............सोमवार
दिनांक...........१०-६-२०१९
🙏🏽 🕉 हर हर महादेव 🕉
सुविचार:↔ " सीधे तौर पर अपनी ग़लतियों को ही हम अनुभव का नाम दे देते हैं।"
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............ज्येष्ठ
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............पंचमी
वार..............शनिवार
दिनांक...........८-६-२०१९
🙏🏽 🌺 सुप्रभातम् 🌺
सुविचार:▶ " हम दूसरों की ग़लतियों से सीखे क्योंकि इससे हमें ग़लती करने का अवसर नहीं मिलेगा।"
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............ज्येष्ठ
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............चतुर्थी
वार..............शुक्रवार
दिनांक...........७-६-२०१९
🙏🏽 🌻 शुभम मंगल 🌻
सुविचार
👇
" ग़लतियां किए बिना कोई व्यक्ति बड़ा और महान नहीं बनता है।"
" ग़लतियों के लिए दूसरों को दोष देने की अपेक्षा हम उनसे सबक ले।"
👆
सुविचार
🌷 भारत माता की जय 🌷 🙏🏽
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............ज्येष्ठ
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............तृतीया
वार..............गुरूवार
दिनांक...........६-६-२०१९
1. *एक दिन आएगा जब वोट के लिए कांग्रेसी नेता कोट पर जनेऊ पहनेंगे।*
-वीर सावरकर, 1959
2. *एक दिन पूरे देश पर भाजपा का राज होगा।*
-अटल जी 1999, संसद में
3. *मैं भारत को कांग्रेस मुक्त करके रहूंगा।*
-नरेंद्र मोदी 2010
4. *मैं आज कांग्रेस छोड रहा हूं, पर मैं शपथ लेता हूं कि मैं इसी कांग्रेसी विचारधारा के विरुद्ध ऐसा संगठन खडा करूंगा जो इसका नामोनिशान मिटाकर रख देगा। चाहे इसके लिये 100 साल क्यों न लगें। 800 साल की गुलामी में 100 साल और सही, पर यही संगठन भारत को फिर अखंड भारत बनाकर रहेगा।*
- केशव बलिराम हेडगेवार, संस्थापक एवं प्रथम सरसंघचालक, 1922, नागपुर
6. *भारत सरकार 500 और 1000 के नोट अचानक बंद करे। देश की आधी समस्या कुछ ही साल में खत्म हो जायेगी।*
-बाबा रामदेव 2006 से 2013 तक कई बार
7. *जिस दिन मरा हुआ हिंदुत्व गर्व से कहेगा कि मैं हिंदू हूं , उस दिन अमेरिका भी भारत की परंपराओं के सामने नतमस्तक होगा और कहेगा कि फलां देश को समझाओ।*
-स्वामी विवेकानन्द, 1893, शिकागो, अमेरिका में।
*(सनद रहे:- दो दिन पहले UN ने भारत से कहा है कि उत्तर कोरिया का इलाज सिर्फ भारत कर सकता है, अमेरिका नहीं)*
8. *आज गौहत्याबंदी आंदोलन में संसद के सामने इंदिरा गांधी ने एक घंटे में 400 साधुओं को गोली चलाकर मार डाला।*
*मैं कांग्रेस पार्टी को श्राप देता हूं कि एक दिन हिमालय में तपश्चर्या कर रहा एक साधू आधुनिक वेशभूषा मे इसी संसद पर कब्जा करेगा और कांग्रेसी विचारधारा को नष्ट कर देगा। यह एक ब्राह्मण का श्राप है और ब्राह्मण का श्राप कभी खाली नहीं जाता।*
-करपात्री महाराज, संसद के सामने रोते और साधुओं की लाशें उठाते हुए, 1966
9. *कांग्रेस पार्टी वोट बैंक के लिये इतनी नीचे गिर जायेगी कि वो JNU जैसे नेहरू के वामपंथी सेक्स केंद्र के नारों का समर्थन करेगी और गौहत्या का समर्थन खुलेआम करके स्वयं को नक्सली साबित करेगी।*
-डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी, आप की अदालत में 2009
10. *कांग्रेस को मैं खत्म करूंगा। एक ऐसा आदमी (मोदी) संघ से निकालूंगा जो कांग्रेस का अंतिम संस्कार करेगा।*
-डॉ सुब्रमण्यम स्वामी, 1984 संसद में जब उनका Citizen Charter प्रस्ताव नकारा गया।
11. *नरेंद्र मोदी ही भारत का भविष्य है। 2002 गुजरात दंगों का दोष उस पर मत दो। वो निष्पाप है। अटलजी और RSS को कहता हूं कि वे उन्हें continue करें वरना भारत से हिंदुत्व खत्म हो जायेगा।*
-बालासाहब ठाकरे , 6 जून 2002
उसके बाद 9 जून को अटलजी ने गोवा में नरेंद्र मोदी को continue किया, वरना आज देश को ऐसा PM नहीं मिलता।
*जय जय श्री राम*
*अब भी वक्त है मित्रो,आपका थोड़ा सा स्वार्थ,देश को वाकई कई वर्षों पीछे चला जायेगा, जिसकी पूर्ति संभव नही है, आपस की छोटी-छोटी बातों को छोड़ राष्ट्र के लिए समर्पित हो जाये, राष्ट्र का गौरव ही हमारा गौरव है..........*