विक्रम संवत...........२०७६
मास..............आषाढ
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............प्रथमा
वार..............मंगलवार
दिनांक...........१८-६-२०१९
🙏🏽 🚩 जय श्री राम 🚩
सुविचार:➡ " उस मनुष्य से गरीब कोई नहीं जिसके पास केवल धन है।"
सुविचार इस शब्द में ही विचार आता है विचारों की इस बदलती श्रृंखला में ओर बदलते दौर में हमे सुविचार के माध्यम से कुछ कर दिखाने की प्रेरणा मिलती है हमारे लिए प्रेरणादायक होंगे.. सुविचार – Suvichar पढ़ने के बाद हमारे मन को एक नयी उर्जा मिलती है, जो हमें हमारे सभी काम सकारात्मक उर्जा के साथ करने के लिए प्रेरित करती है यदि आपको मेरी पोस्ट अछि लगती है तो फॉलो करें ।
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............आषाढ
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............प्रथमा
वार..............मंगलवार
दिनांक...........१८-६-२०१९
🙏🏽 🚩 जय श्री राम 🚩
सुविचार:➡ " उस मनुष्य से गरीब कोई नहीं जिसके पास केवल धन है।"
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............ज्येष्ठ
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............पूर्णिमा
वार..............सोमवार
दिनांक...........१७-६-२०१९
🙏🏽 🕉 हर हर महादेव 🕉
सुविचार:↔ " धन अच्छा सेवक है, परन्तु ख़राब स्वामी भी है।"
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............ज्येष्ठ
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............त्रयोदशी
वार..............शनिवार
दिनांक...........१५-६-२०१९
🙏🏽 🌷 शुभम मंगल 🌷
सुविचार:👉 " धन अपना पराया नहीं देखता है।"
डा महेश सिन्हा की एक बहुत उपयोगी पोस्ट ---
मस्तिष्क आघात के मरीज़ को कैसे पहचानें?
मस्तिष्क आघात --जी वही, जिसे कईं बार ब्रेन-स्ट्रोक भी कह दिया जाता है अथवा आम भाषा में दिमाग की नस फटना या ब्रेन-हैमरेज भी कह देते हैं।
इस के बारे में पोस्ट डाक्टर साहब लिखते हैं ----
एक पार्टी चल रही थी, एक मित्र को थोड़ी ठोकर सी लगी और वह गिरते गिरते संभल गई और अपने आस पास के लोगों को उस ने यह कह कर आश्वस्त किया कि सब कुछ ठीक है, बस नये बूट की वजह से एक ईंट से थोड़ी ठोकर लग गई थी। (आस पास के लोगों ने ऐम्बुलैंस बुलाने की पेशकश भी की).
साथ में खड़े मित्रों ने उन्हें साफ़ होने में उन की मदद की और एक नई प्लेट भी आ गई। ऐसा लग रहा था कि इन्ग्रिड थोड़ा अपने आप में नहीं है लेकिन वह पूरी शाम पार्टी तो एकदम एन्जॉय करती रहीं। बाद में इन्ग्रिड के पति का लोगों को फोन आया कि कि उसे हस्पताल में ले जाया गया लेकिन वहां पर उस ने उसी शाम को दम तोड़ दिया।
दरअसल उस पार्टी के दौरान इन्ग्रिड को ब्रेन-हैमरेज हुआ था --अगर वहां पर मौजूद लोगों में से कोई इस अवस्था की पहचान कर पाता तो आज इन्ग्रिड हमारे बीच होती।
ठीक है ब्रेन-हैमरेज से कुछ लोग मरते नहीं है --लेकिन वे सारी उम्र के लिये अपाहिज और बेबसी वाला जीवन जीने पर मजबूर तो हो ही जाते हैं।
जो नीचे लिखा है इसे पढ़ने में केवल आप का एक मिनट लगेगा ---
स्ट्रोक की पहचान ---
एक न्यूरोलॉजिस्ट कहते हैं कि अगर स्ट्रोक का कोई मरीज़ उन के पास तीन घंटे के अंदर पहुंच जाए तो वह उस स्ट्रोक के प्रभाव को समाप्त (reverse)भी कर सकते हैं---पूरी तरह से। उन का मानना है कि सारी ट्रिक बस यही है कि कैसे भी स्ट्रोक के मरीज़ की तुरंत पहचान हो, उस का निदान हो और उस को तीन घंटे के अंदर डाक्टरी चिकित्सा मुहैया हो, और अकसर यह सब ही अज्ञानता वश हो नहीं पाता।
स्ट्रोक के मरीज़ की पहचान के लिये तीन बातें ध्यान में रखिये --और इस से पहले हमेशा याद रखिये ----STR.
डाक्टरों का मानना है कि एक राहगीर भी तीन प्रश्नों के उत्तर के आधार पर एक स्ट्रोक के मरीज की पहचान करने एवं उस का बहुमूल्य जीवन बचाने में योगदान कर सकता है.......इसे अच्छे से पढ़िये और मन में बैठा लीजिए --
S ---Smile आप उस व्यक्ति को मुस्कुराने के लिये कहिए।
T-- talk उस व्यक्ति को कोई भी सीधा सा एक वाक्य बोलने के लिये कहें जैसे कि आज मौसम बहुत अच्छा है।
R --- Raise उस व्यक्ति को दोनों बाजू ऊपर उठाने के लिये कहें।
अगर इस व्यक्ति को ऊपर लिखे तीन कामों में से एक भी काम करने में दिक्कत है , तो तुरंत ऐम्बुलैंस बुला कर उसे अस्पताल शिफ्ट करें और जो आदमी साथ जा रहा है उसे इन लक्षणों के बारे में बता दें ताकि वह आगे जा कर डाक्टर से इस का खुलासा कर सके।
नोट करें ---- स्ट्रोक का एक लक्षण यह भी है --
1. उस आदमी को जिह्वा (जुबान) बाहर निकालने को कहें।
2. अगर जुबान सीधी बाहर नहीं आ रही और वह एक तरफ़ को मुड़ सी रही है तो भी यह एक स्ट्रोक का लक्षण है।
एक सुप्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट का कहना है कि अगर इस ई-मेल को पढ़ने वाला इसे आगे दस लोगों को भेजे तो शर्तिया तौर पर आप एक बेशकीमती जान तो बचा ही सकते हैं ....
और यह जान आप की अपनी भी हो सकती है -।
*समय गूंगा नहीं*
*बस मौन है,*
*वक्त पर बताता है*
*किसका कौन है!
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............ज्येष्ठ
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............द्वादशी
वार..............शुक्रवार
दिनांक...........१४-६-२०१९
🙏🏽 🍁 सुप्रभातम् 🍁
सुविचार
👇
" महान मनुष्य की पहली पहचान उसकी नम्रता है।"
बहुत दिन बाद पकड़ में आई...
थोड़ी सी खुशी...
तो पूछा ?
"कहाँ रहती हो
आजकल....
ज्यादा मिलती नहीं..?"
यहीं तो हूँ"
जवाब मिला।
बहुत भाव खाती हो खुशी ?..
कुछ सीखो
अपनी बहन से...
हर दूसरे दिन आती है
हमसे मिलने.. "परेशानी"।
"आती तो मैं भी हूं...
पर आप
ध्यान नहीं देते"।
"अच्छा?".
"कहाँ थी तुम जब पड़ोसी ने नई गाड़ी ली?"
"और तब कहाँ थी जब रिश्तेदार ने बड़ा घर बनाया?"
शिकायत होंठो पर थी
कि.....
उसने टोक दिया
बीच में.
"मैं रहती हूँ..…
कभी आपके बच्चे की किलकारियों में,
कभी रास्ते में मिल जाती हूँ ..
एक दोस्त के रूप में,
कभी ...
एक अच्छी फिल्म देखने में,
कभी...
गुम होकर मिली हुई किसी चीज़ में,
कभी...
घरवालों की परवाह में,
कभी ...
मानसून की पहली बारिश में,
कभी...
कोई गाना सुनने में,
दरअसल...
थोड़ा थोड़ा बांट देती हूँ,
खुद को
छोटे छोटे पलों में....
उनके अहसासों में।
लगता है चश्मे का नंबर बढ़ गया है
आपका.?
सिर्फ बड़ी चीज़ो
में ही ढूंढते हो मुझे,
खैर...
अब तो पता मालूम हो गया ना मेरा,
ढूंढ लेना मुझे आसानी से अब छोटी छोटी बातों में।😊😊
1.पैतालीस साल की अवस्था में "उच्च शिक्षित" और "अल्प शिक्षित" एक जैसे ही होते हैं।
2. पचपन साल की अवस्था में "रूप" और "कुरूप" एक जैसे ही होते हैं। (आप कितने ही सुन्दर क्यों न हों झुर्रियां, आँखों के नीचे के डार्क सर्कल छुपाये नहीं छुपते)
3. साठ साल की अवस्था में "उच्च पद" और "निम्न पद" एक जैसे ही होते हैं।(चपरासी भी अधिकारी के सेवा निवृत्त होने के बाद उनकी तरफ़ देखने से कतराता है)
4. सत्तर साल की अवस्था में "बड़ा घर" और "छोटा घर" एक जैसे ही होते हैं। (घुटनों का दर्द और हड्डियों का गलना आपको बैठे रहने पर मजबूर कर देता है, आप छोटी जगह में भी गुज़ारा कर सकते हैं)
5. अस्सी साल की अवस्था में आपके पास धन का "होना" या "ना होना" एक जैसे ही होते हैं। ( अगर आप खर्च करना भी चाहें, तो आपको नहीं पता कि कहाँ खर्च करना है)
6. नब्बे साल की अवस्था में "सोना" और "जागना" एक जैसे ही होते हैं। (जागने के बावजूद भी आपको नहीं पता कि क्या करना है).
जीवन को सामान्य रुप में ही लें क्योंकि जीवन में रहस्य नहीं हैं जिन्हें आप सुलझाते फिरें।
आगे चल कर एक दिन हम सब की यही स्थिति होनी है इसलिए चिंता, टेंशन छोड़ कर मस्त रहें स्वस्थ रहें।
यही जीवन है और इसकी सच्चाई भी।
🤚 *आज सुविचार* ✋
*"चैन से जीने के लिए चार रोटी और दो कपड़े काफ़ी हैं "।*
*"पर, बेचैनी से जीने के लिए चार मोटर कार, दो बंगले और तीन प्लॉट भी कम हैं !!"*