सोमवार, 25 नवंबर 2019

सुविचार

विक्रम संवत...........२०७६
मास.............मार्गशीर्ष(अगहन)
पक्ष..............कृष्ण
तिथि...........चतुर्दशी
वार..............सोमवार
दिनांक...........२५-११-२०१९





🙏🏽 🕉 हर हर महादेव 🕉

सुविचार:⏩ " कितनी भी व्यस्तता क्यों न हो, अपना शौक अवश्य पूरा करे।"

शनिवार, 23 नवंबर 2019

सुविचार

विक्रम संवत...........२०७६
मास.............मार्गशीर्ष(अगहन)
पक्ष..............कृष्ण
तिथि...........द्वादशी
वार..............शनिवार
दिनांक...........२३-११-२०१९





🙏🏽 🌻 सुप्रभातम् 🌻

         सुविचार
            👇
 
 " जो कुछ भी हमको कठिन लगता है वह हमारे काम का होता है।"

आज वो घर पर है इसलिए !!!


घर जाने के लिए निकला। अशांत और विचलित मन लिए सब्जी मंडी पहुँचा कुछ सब्जियाँ खरीदीं।

आज कुछ देर हो गई थी तो घर पहुँचकर खिचड़ी अथवा मैगी बना लेने का विचार चल रहा था। पिछले सप्ताह के एक भी कपड़े धुले नहीं थे अतः 5-6 दिन से एक ही जीन्स को रगड़ रहा था।

एक हाथ से काँधे पर लटके बैग को सम्हालता और दूसरे हाथ में दूध की थैली पकड़े पसीने से तरबतर चेहरा लिए घर पहुँचा। द्वार का ताला खोलना चाहा तो देखा, पल्ले भर भिड़के हुए थे, ताला खुला था। कुछ चिंतित हुआ।

जैसे ही घर में प्रवेश किया तो यूँ लगा मानो स्वर्ग में आ गया हूँ। शंका हुई कि, किसी दूसरे के घर में तो नहीं आ गया ? खामोशी से अंदर के कमरे में गया। फ्रीज खोला तो भीतर की ठंडक चेहरे से टकराई। कोने में अचार रखा हुआ था। मैथी की भाजी बारीक और व्यवस्थित कतरी हुई करीने से रखी थी। सुबह तो फ्रीज में एक ठो बिस्किट पैकेट रखने की जगह नहीं थी, सारा फ्रीज भरा पड़ा था और अब देखो, साफ सुथरी जगह ही जगह थी। धीरे से साथ लाई हुई सब्जियाँ भी फ्रीज में ही रख दीं।

कोने में रखी पानी की टंकी, जिसने हफ्ते भर से पानी का मुँह नहीं देखा था अब, पूरी भरी हुई चमक रही थी। तभी ध्यान गया कि पीछे पीछे अगरबत्ती की खुशबू भी चली आ रही थी, मन को आनंदित कर रही थी।

अपना बैग एक कुर्सी पर पटका तो याद आया कि, सुबह अपना टॉवेल बिस्तर पर ही छोड़ दिया था, देखा तो वहाँ न होकर वह खिड़की के बाहर तार पर लटका सूख रहा था। अलमारी का पल्ला खोला जिसमें बिना धुले कपड़े थे लेकिन अब सारे ही धुले, इस्त्री किए व्यवस्थित रखे थे।

सुबह एक रुमाल मिलकर नहीं दे रहा था और अब, अंदर साफसुथरे रुमाल पर रुमाल की गड्डी रखी हुई थी। सुबह सॉक्स की जोड़ी नहीं मिली तो अलग अलग डिजाइन के मोजे पहनकर निकल गया था लेकिन अब सारे सॉक्स एक स्थान पर उपस्थित पड़े मुझे देख मुस्कुरा रहे थे। लाल, पीली, नीली शर्ट्स बढ़िया हैंगर पर टंगी हुई थीं।

धीरे से टीवी के सामने बैठा, टीवी जिसपर धूल की परतें जम गई थीं अब चमक रहा था और स्क्रीन पर चित्र भी स्पष्ट दिख रहे थे। प्यास लगी तो पानी पीने किचिन में पहुँचा, जिस किचिन में लहसुन, प्याज और न जाने किस किस किस्म की गंध भरी रहती थी, अब  भूख जगा देने वाले भोजन की सुगंध से महक रहा था।

भावनाओं में बहता, बाहर आकर टीवी के सामने एक चेयर पर बैठ गया और अपनी आँखें बंद कर लीं और सोचने लगा। फिर आँखें खोलकर अपनी ही बाँह पर चिमटी ली कि, कहीं ये सब स्वप्न तो नहीं। तभी गरमागरम पकौड़ों की प्लेट और भाप निकलती चाय किसी ने सामने टेबल पर रख दी। भीतर का अहम जैसे जर्रा जर्रा होकर बिखर गया। जब थककर आता था तो जैसे तैसे दही चावल पर गुजारा कर लिया करता था और आज भाप निकलती स्वादिष्ट चाय और गरम पकौड़ों का आनंद ले रहा था। न चाहते हुए भी आँसू की दो बूंदें आँखों से निकलकर गालों पर बह निकलीं। फिर खुद को सम्हाला तो अहसास हुआ..... 

" #आज_वो_घर_पर_है_इसलिए !!! "

संसार के सारे सुख और समृद्धि की प्रदाता वो...
किसी के लिए माँ,
किसी की पत्नी,
किसी की बहन,
तो
किसी के लिए बेटी है।

आप कितने ही बड़े हों, महान हों लेकिन सुखमय जीवन के लिए किसी न किसी रूप में एक स्त्री आपके जीवन में अतिआवश्यक है।

वो किसी भी रूप में हो मगर, घर को घर वही बनाती है।🙏

ज़िन्दगी



समुद्र के किनारे एक लहर आई वो एक बच्चे का चप्पल अपने साथ बहा ले गई। बच्चा रेत पर अंगुली से लिखता है "समुद्र चोर है"। 

उसी समुद्र के एक दूसरे किनारे कुछ मछुआरे बहुत सारे मछली पकड़ लेते हैं।तब वह उसी रेत पर लिखता है "समुद्र मेरा पालनहार है"।

एक युवक समुद्र में डूब कर मर जाता है। उसकी मां रेत पर लिखती है "समुद्र हत्यारा है"।

एक दूसरे किनारे एक गरीब बूढ़ा टेढ़ी कमर लिए रेत पर टहल रहा था। उसे एक बड़े सीप में एक अनमोल मोती मिल गया। वह रेत पर लिखता है "समुद्र दानी है"।

अचानक एक बड़ी लहर आती है और सारे लिखे को मिटा कर चली जाती है। लोग जो भी कहे समुद्र के बारे में लेकिन विशाल समुद्र अपनी लहरों में मस्त रहता है अपने उफान और शांति वह अपने हिसाब से तय करता है।

अगर विशाल समुंद्र बनना है तो किसी के निर्णय पर अपना ध्यान ना दें। जो करना है अपने हिसाब से करें। जो गुजर गया उसकी चिंता में ना रहे। हार जीत, खोना पाना, सुख-दुख, इन सबके चलते मन विचलित ना करें। अगर जिंदगी सुख शांति से ही भरा होता तो आदमी जन्म लेते समय रोता नहीं। जन्म के समय रोना और मरकर रुलाना इसी के बीच के संघर्ष भरे समय को जिंदगी कहते हैं।

'कुछ ज़रूरतें पूरी तो कुछ ख्वाहिशें अधूरी,
इन्ही सवालों के संतुलित जवाब हैं 


शुक्रवार, 22 नवंबर 2019

सुविचार

" अति सम्पन्नता अति दरिद्रता का ही दूसरा रूप है।" 
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             सुविचार

🙏🏽 🍁 शुभम मंगल 🍁





विक्रम संवत...........२०७६
मास.............मार्गशीर्ष(अगहन)
पक्ष..............कृष्ण
तिथि...........दशमी-एकादशी
वार..............शुक्रवार
दिनांक...........२२-११-२०१९

गुरुवार, 21 नवंबर 2019

सुविचार

विक्रम संवत...........२०७६
मास.............मार्गशीर्ष(अगहन)
पक्ष..............कृष्ण
तिथि...........नवमी
वार..............गुरूवार
दिनांक...........२१-११-२०१९





🌷 भारत माता की जय 🌷🙏🏽

सुविचार:↔ " बिजलियो का भय त्यागे बिना कोई वृक्ष ऊंचा नहीं हो सकता।"

बुधवार, 20 नवंबर 2019

सुविचार

विक्रम संवत...........२०७६
मास.............मार्गशीर्ष(अगहन)
पक्ष..............कृष्ण
तिथि...........अष्टमी
वार..............बुधवार
दिनांक...........२०-११-२०१९







🌺 वंदे मातरम् 🌺 🙏🏽

सुविचार:▶ " जिसके पास उम्मीद हैं, वो लाख बार हार के भी, नही हार सकता..!