सोमवार, 19 फ़रवरी 2024

सुविचार

विक्रम संवत...........२०८०
मास...................माघ
पक्ष..................... शुक्ल
तिथि................... दशमी
वार...................... सोमवार 
राहुकाल...........०८:२४- ०९:५० तक
दिनांक..............१९-०२-२०२४





🙏🏽 🕉️ श्री शिवाय नम: 🕉️

सुविचार:⏩ " मनुष्य का चरित्र वह वस्त्र है जो विचारो के धागों से बनता है।"

रविवार, 18 फ़रवरी 2024

सुविचार


🙏🏽🕉️ श्री शिवाय नमुस्त्भ्यम् 🕉️

सुविचार:▶️ " सज्जन व्यक्ति की केवल एक पहचान है कि वह व्यर्थ में किसी को परेशान नहीं करता है।"

शनिवार, 17 फ़रवरी 2024

सुविचार

विक्रम संवत...........२०८०
मास...................माघ
पक्ष..................... शुक्ल
तिथि................... अष्टमी 
वार...................... शनिवार 
राहुकाल...........०९:५०- ११:१६ तक
दिनांक..............१७-०२-२०२४



🙏🏽 🪷 शुभम मंगल 🪷

सुविचार:▶️ " गरीबी और समृद्धि दोनों विचार का परिणाम है।"०

शुक्रवार, 16 फ़रवरी 2024

सुविचार

विक्रम संवत...........२०८०
मास...................माघ
पक्ष..................... शुक्ल
तिथि................... सप्तमी
वार...................... शुक्रवार 
राहुकाल...........११:१६- १२:४१ तक
दिनांक..............१६-०२-२०२४


🙏🏽 🌺 सुप्रभातम 🌺

सुविचार:➡️ " गरीबी आत्म निर्भरता की कमी को जन्म देती हैं।"

गुरुवार, 15 फ़रवरी 2024

सुविचार

विक्रम संवत...........२०८०
मास...................माघ
पक्ष..................... शुक्ल
तिथि................... षष्ठी 
वार...................... गुरूवार 
राहुकाल...........१४:०६- १५:३१ तक
दिनांक..............१५-०२-२०२४





🙏🏽 🌸 भारत माता की जय 🌸

सुविचार:↔️ "वह व्यक्ति गरीब नहीं होता है जिसके पास थोड़ा है, बल्कि वह व्यक्ति गरीब होता हैं जो अधिक की इच्छा करता हैं।"

मंगलवार, 13 फ़रवरी 2024

सुविचार

विक्रम संवत...........२०८०
मास...................माघ
पक्ष..................... शुक्ल
तिथि................... चतुर्थी 
वार...................... मंगलवार 
राहुकाल...........१५:३१- १६:५६ तक
दिनांक..............१३-०२-२०२४





🙏🏽 🚩 जय राम जी की 🚩

सुविचार:- " जो निर्धनों पर दया करता है, वह अपने कृत्यों से ईश्वर को ऋणी बनाता है।"

रविवार, 11 फ़रवरी 2024

सुविचार

🙏🏽🌺 भारत माता की जय 🌺

सुविचार:⏩ " महान उपलब्धि आमतौर पर महान बलिदान से पैदा होती है, और कभी भी स्वार्थ का परिणाम नहीं होती है।"