विक्रम संवत...........२०७६
मास..............ज्येष्ठ
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............द्वादशी
वार..............शुक्रवार
दिनांक...........३१-५-२०१९
🙏🏽 🌼 शुभम मंगल 🌼
सुविचार:▶ " उत्साह, व्यक्ति की भाग्यशिलता का मापदंड है।
सुविचार इस शब्द में ही विचार आता है विचारों की इस बदलती श्रृंखला में ओर बदलते दौर में हमे सुविचार के माध्यम से कुछ कर दिखाने की प्रेरणा मिलती है हमारे लिए प्रेरणादायक होंगे.. सुविचार – Suvichar पढ़ने के बाद हमारे मन को एक नयी उर्जा मिलती है, जो हमें हमारे सभी काम सकारात्मक उर्जा के साथ करने के लिए प्रेरित करती है यदि आपको मेरी पोस्ट अछि लगती है तो फॉलो करें ।
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............ज्येष्ठ
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............द्वादशी
वार..............शुक्रवार
दिनांक...........३१-५-२०१९
🙏🏽 🌼 शुभम मंगल 🌼
सुविचार:▶ " उत्साह, व्यक्ति की भाग्यशिलता का मापदंड है।
🙏🏽 🌺 वंदे मातरम् 🌺
सुविचार:⏩ " हम जब तक स्वयं माता-पिता नहीं बन जाएं, माता-पिता का प्यार कभी नहीं जान पाते।"
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............ज्येष्ठ
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............दशमी
वार..............बुधवार
दिनांक...........२९-५-२०१९
🙏🏽💐 भारत माता की जय 💐
सुविचार:👉 " प्रेम, त्याग की मां है, जहां जाती है, पुत्र को साथ ले जाती है।"
" दूसरो से प्रेम करना अपने आप से प्रेम करना है।"
👆
सुविचार
🕉 हर हर महादेव 🕉 🙏🏽
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............ज्येष्ठ
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............अष्टमी
वार..............सोमवार
दिनांक...........२७-५-२०१९
ये हैं वो उर्दू के शब्द जो आप प्रतिदिन प्रयोग करते हैं, इन विदेशी शब्दों को त्याग कर मातृभाषा का प्रयोग करें:-
ईमानदार - निष्ठावान
इंतजार - प्रतीक्षा
इत्तेफाक - संयोग
सिर्फ - केवल, मात्र
शहीद - बलिदानी
यकीन - विश्वास, भरोसा
इस्तकबाल - स्वागत
इस्तेमाल - उपयोग, प्रयोग
किताब - पुस्तक
मुल्क - देश
कर्ज - ऋण
तारीफ - प्रशंसा
तारीख - दिनांक, तिथि
इल्ज़ाम - आरोप
गुनाह - अपराध
शुक्रिया - धन्यवाद, आभार
सलाम - नमस्कार, प्रणाम
मशहूर - प्रसिद्ध
अगर - यदि
ऐतराज - आपत्ति
सियासत - राजनीति
इंतकाम - प्रतिशोध
इज्जत - मान, प्रतिष्ठा
इलाका - क्षेत्र
एहसान - आभार, उपकार
अहसानफरामोश - कृतघ्न
मसला - समस्या
इश्तेहार - विज्ञापन
इम्तेहान - परीक्षा
कुबूल - स्वीकार
मजबूर, लाचार - विवश
मंजूरी - स्वीकृति
इंतकाल, मौत - मृत्यु, निधन, देहावसान
बेइज्जती - तिरस्कार
दस्तखत - हस्ताक्षर
हैरानी - आश्चर्य
कोशिश - प्रयास, चेष्टा
किस्मत, नसीब - भाग्य
फैसला - निर्णय
हक - अधिकार
मुमकिन - संभव
फर्ज - कर्तव्य
उम्र - आयु
साल - वर्ष
शर्म - लज्जा
सवाल - प्रश्न
जवाब - उत्तर
जिम्मेदार - उत्तरदायी
फतह - विजय
धोखा - छल
काबिल - योग्य
करीब - समीप, निकट
जिंदगी - जीवन
हकीकत - सत्य
झूठ - मिथ्या, असत्य
जल्दी - शीघ्र
इनाम - पुरस्कार
तोहफा - उपहार
इलाज - उपचार
हुक्म - आदेश
शक - संदेह
ख्वाब - स्वप्न
तब्दील। - परिवर्तित
कसूर - दोष
बेकसूर - निर्दोष
कामयाब - सफल
गुलाम - दास
इनके अतिरिक्त हम प्रतिदिन अनगिनित उर्दू शब्द का प्रयोग में लेते हैं।
*भाषा बचाइये , संस्कृति बचाइये🤗*
जांच करें कि आप कितने उर्दू के शब्द बोलते/लिखते हैं।
*धन्यवाद🙏*
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............ज्येष्ठ
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............सप्तमी
वार..............शनिवार
दिनांक...........२५-५-२०१९
🙏🏽 🌻 सुप्रभातम् 🌻
सुविचार:➡ " अहंकार छोडे बिना सच्चा प्रेम नहीं किया जा सकता।"
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............ज्येष्ठ
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............षष्ठी
वार..............शुक्रवार
दिनांक...........२४-५-२०१९
🙏🏽 🌷शुभम मंगल 🌷
सुविचार:↔ "जीवन अपनी इच्छा अनुकूल चलना नहीं, ईश्वर की इच्छा के अनुकूल चलने में है।"
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............ज्येष्ठ
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............पंचमी
वार..............गुरूवार
दिनांक...........२३-५-२०१९
🙏🏽 🍁 भारत माता की जय 🍁
सुविचार:▶ " मौत जब तक नजर नहीं आती, ज़िन्दगी राह पर नहीं आती।"
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............ज्येष्ठ
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............चतुर्थी
वार..............मंगलवार
दिनांक...........२२-५-२०१९
🙏🏽 🚩 जय श्री राम 🚩
सुविचार:⏩ " खाने और सोने का नाम जीवन नहीं, जीवन नाम है सदैव आगे बढ़ने का।"
कपड़े से छाना हुआ पानी
स्वास्थ्य को ठीक रखता है
और
विवेक से छानी हुई वाणी
संबध को ठीक रखती है ।
शब्दो को कोई भी स्पर्श नही
कर सकता,
पर
शब्द सभी को स्पर्श कर जाते है. . !
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............ज्येष्ठ
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............द्वित्तीया
वार..............सोमवार
दिनांक...........२०-५-२०१९
🙏🏽 🕉 हर हर महादेव 🕉
सुविचार:➡ " बूंद की सार्थकता इसी में है कि उसका अस्तित्व नदी में विलीन हो जाए।"
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............ज्येष्ठ
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............द्वित्तीया
वार..............सोमवार
दिनांक...........२०-५-२०१९
🙏🏽 🕉 हर हर महादेव 🕉
सुविचार:➡ " बूंद की सार्थकता इसी में है कि उसका अस्तित्व नदी में विलीन हो जाए।"
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............वैशाख
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............पूर्णिमा
वार..............शनिवार
दिनांक...........१८-५-२०१९
🙏🏽 🌼 सुप्रभातम् 🌼
सुविचार:↔ " जीवन किसी को स्थायी संपत्ति के रूप में नहीं मिला है वह तो केवल प्रयोग के लिए है।"
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............वैशाख
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............त्रयोदशी
वार..............शुक्रवार
दिनांक...........१७-५-२०१९
🙏🏽 🌺 सुप्रभातम् 🌺
सुविचार:▶ " अपना जीवन लेने के लिए नहीं अपितु देने के लिए है।"
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............वैशाख
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............द्वादशी
वार..............गुरूवार
दिनांक...........१६-५-२०१९
🙏🏽 💐 भारत माता की जय 💐
सुविचार:👉 " ज़िंदगी में खुश रहना है तो हम हँसने का बहाना तलाशें।"
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............वैशाख
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............एकादशी
वार..............बुधवार
दिनांक...........१५-५-२०१९
🙏🏽 🌻 वंदे मातरम् 🌻
सुविचार
👇
" जीवन विकास का सिद्धान्त है, स्थिर रहने का नहीं।"
#कर्ज_वाली_लक्ष्मी
एक 15 साल का भाई अपने पापा से कहा "पापा पापा दीदी के होने वाले ससुर और सास कल आ रहे है" अभी जीजाजी ने फोन पर बताया।
दीदी मतलब उसकी बड़ी बहन की सगाई कुछ दिन पहले एक अच्छे घर में तय हुई थी।
दीनदयाल जी पहले से ही उदास बैठे थे धीरे से बोले...
हां बेटा.. उनका कल ही फोन आया था कि वो एक दो दिन में #दहेज की बात करने आ रहे हैं.. बोले... #_दहेज के बारे में आप से ज़रूरी बात करनी है..
बड़ी मुश्किल से यह अच्छा लड़का मिला था.. कल को उनकी दहेज की मांग इतनी ज़्यादा हो कि मैं पूरी नही कर पाया तो ?"
कहते कहते उनकी आँखें भर आयीं..
घर के प्रत्येक सदस्य के मन व चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही थी...लड़की भी उदास हो गयी...
खैर..
अगले दिन समधी समधिन आए.. उनकी खूब आवभगत की गयी..
कुछ देर बैठने के बाद लड़के के पिता ने लड़की के पिता से कहा" दीनदयाल जी अब काम की बात हो जाए..
दीनदयाल जी की धड़कन बढ़ गयी.. बोले.. हां हां.. समधी जी.. जो आप हुकुम करें..
लड़के के पिताजी ने धीरे से अपनी कुर्सी दीनदयाल जी और खिसकाई ओर धीरे से उनके कान में बोले. दीनदयाल जी मुझे *दहेज* के बारे बात करनी है!...
दीनदयाल जी हाथ जोड़ते हुये आँखों में पानी लिए हुए बोले बताईए समधी जी....जो आप को उचित लगे.. मैं पूरी कोशिश करूंगा..
समधी जी ने धीरे से दीनदयाल जी का हाथ अपने हाथों से दबाते हुये बस इतना ही कहा.....
आप कन्यादान में कुछ भी देगें या ना भी देंगे... थोड़ा देंगे या ज़्यादा देंगे.. मुझे सब स्वीकार है... पर कर्ज लेकर आप एक रुपया भी दहेज मत देना.. वो मुझे स्वीकार नहीं..
क्योकि जो बेटी अपने बाप को कर्ज में डुबो दे वैसी "कर्ज वाली लक्ष्मी" मुझे स्वीकार नही...
मुझे बिना कर्ज वाली बहू ही चाहिए.. जो मेरे यहाँ आकर मेरी सम्पति को दो गुना कर देगी..
दीनदयाल जी हैरान हो गए.. उनसे गले मिलकर बोले.. समधी जी बिल्कुल ऐसा ही होगा..
शिक्षा- कर्ज वाली लक्ष्मी ना कोई विदा करें न ही कोई स्वीकार करे..
यह कहानी मेरी नही है, मैं यह भी नहीं जानता की यह किसने और कब लिखी है l मुझे अच्छी लगी तो मैने इसे समाज के साथ साझा करना अपना दायित्व समझा. आपको पसंद आये तो सारी दुआए उनके लिए ही होंगी जिन्होंने यह दिल से कागज पर उतारी है I
🙏🙏🙏
" साझा की गई खुशी दुगनी होती है, साझा किया गया दुख आधा होता है।"
👆
सुविचार
🙏🏽 🚩 जय श्री राम 🚩
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............वैशाख
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............दशमी
वार..............मंगलवार
दिनांक...........१४-५-२०१९
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............वैशाख
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............नवमी
वार..............सोमवार
दिनांक...........१३-५-२०१९
🕉 हर हर महादेव 🕉 🙏🏽
सुविचार:⏩ " हम जीवन से वही सीखते हैं, जो उससे वास्तव में सीखना चाहते हैं।"
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............वैशाख
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............सप्तमी
वार..............शनिवार
दिनांक...........११-५-२०१९
🍁 सुप्रभातम् 🍁🙏🏽
सुविचार:➡ " हिन्दी हमारे राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलतम स्त्रोत है।"
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............वैशाख
दिनांक...........९-५-२०१९
🌷 भारत माता की जय 🌷🙏🏽
सुविचार:▶ " जो दूसरों को जानता है, वह विद्वान है ओर जो स्वयं को जानता है वह ज्ञानी।"
" बिना अनुभव के कोरा शाब्दिक ज्ञान अंधा है।"
👆
सुविचार
🙏🏽 🕉 हर हर महादेव 🕉
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............वैशाख
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............द्वितीया
वार..............सोमवार
दिनांक...........६-५-२०१९
👁 *1.* आठ महीने ठण्ड के कारण, कोट पैंट पहनना उनकी विवशता *और शादी वाले दिन भरी गर्मी में कोट - पैंट डाल कर बरात ले जाना, हमारीअज्ञानता*
👁 *2.* ताजा भोजन उपलब्ध ना होने के कारण, सड़े आटे से पिज्जा, बर्गर, नूडल्स खाना यूरोप की विवशता *और 56 भोग छोड़ कर ₹ 400/- की सड़ी रोटी (पिज्जा ) खाना, *हमारी अज्ञानता*
👁 *3.* ताज़ा भोजन की कमी के कारण फ्रीज़ इस्तेमाल करना, यूरोप की विवशता *और रोज ताजी सब्जी बाजार में मिलनें पर भी, हफ्ते भर की सब्जी फ्रीज में ठूँस सड़ा कर खाना, *हमारी अज्ञानता*
👁 *4.* जड़ी - बूटियों का ज्ञान ना होने के कारण, जीव जन्तुओं के माँस से दवायें बनाना, उनकी विवशता *और आयुर्वेद जैसा महान चिकित्सा होने के बावजूद, माँस की दवाईयाँ उपयोग करना, *हमारी अज्ञानता*
👁 *5.* पर्याप्त अनाज ना होने के कारण जानवरों को खाना, उनकी विवशता *और 1600 किस्मों की फसलें होनें के बावजूद, स्वाद के लिए निरीह प्राणी मार कर खाना, *हमारी* *अज्ञानता*
👁 *6.* लस्सी,मट्ठा, छाछ, दूध, जूस , शिकंजी आदि ना होने के कारण, कोल्ड ड्रिंक पीना उनकी विवशता *और 36 तरह के पेय पदार्थ होते हुऐ भी, कोल्ड ड्रिंक नामक जहर पी कर खुद को आधुनिक समझना, *हमारी* *अज्ञानता*
🙏 *अनुरोध :* भारतीय सँस्कृति अद्वितीय, पुरातन एवं महान है ।
इस पर अवश्य विचार करें..
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............चैत्र
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............अमावस्या
वार..............शनिवार
दिनांक...........४-५-२०१९
🙏🏽 🌺 शुभम मंगल 🌺
सुविचार:⏩ " अपनी अज्ञानता का अहसास होना ज्ञान की दिशा में एक बहुत बड़ा क़दम है।"
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............चैत्र
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............चतुर्दशी
वार..............शुक्रवार
दिनांक...........३-५-२०१९
🙏🏽 💐 सुप्रभातम् 💐
सुविचार:➡ " न्याय का मोती दया के ह्रदय में मिलता है।"
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............चैत्र
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............त्रयोदशी
वार..............गुरूवार
दिनांक...........२-५-२०१९
🙏🏽 🌻 भारत माता की जय 🌻
सुविचार:↔ " अधिकार जताने से अधिकार सिद्ध नहीं होता।"
बर्तन से पूरी तरह पोंछ कर खाना खाने वाले एक बालक के दोस्त उसका रोज मज़ाक उडाते थे...
एक ने उस बालक के दोस्त ने पूछा- "तुम रोजाना बर्तन में एक कण भी क्यों नही छोड़ते...?
बालक बोला इसके 3 कारण है।
1. यह मेरे पिता के प्रति आदर है, जो इस भोजन को मेहनत से कमाए रूपयों से खरीद कर लाते हैं।
2. ये मेरी माँ के प्रति आदर है जो सुबह जल्दी उठकर बडे चाव से इसे पकाती हैं।
3. यह आदर मेरे देश के उन किसानो के प्रति है, जो खेतो में भूखे रहकर कड़ी मेहनत से इसे पैदा करते हैं।"
इसलिए थाली में झूठा छोड़ना अपनी शान ना समझें
||खाना खाओ मनभर - ना छोडो कणभर||
उतना ही ले थाली में...
व्यर्थ ना जाए नाली में.।
विक्रम संवत...........२०७६
मास..............चैत्र
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............द्वादशी
वार..............बुधवार
दिनांक...........१-५-२०१९
🙏🏽 🍁 वंदे मातरम् 🍁
सुविचार:▶ " बहुमत की आवाज़ न्याय का द्योतक नहीं है।"