*साचा साहिबु साचु नाइ।*
*भाखिआ भाउ अपारु।*
*आखहि मंगहि देहि देहि।*
*दाति करे दातारू*
भावार्थ:- प्रभु सत्य एवं उसका नाम सत्य है । अलग अलग विचारों भावों व बोलियों में उसे भिन्न भिन्न नाम दिये गये है। प्रत्येक जीव उससे दया की भीख मांगता है। सब जीव को उसके कृपा का अधिकारी है और वह भी हमें अपने कर्मों के मुताबिक दया प्रदान करता है।
*गुरूनानक देव जी जयंती पर सभी को हार्दिक शुभकामना*।
*जो बोले सो निहाल ससरिये अकाल*🙏🏽
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