सीख तो उस बालक से लेनी चाहीये
जो अपनो की मार खाके अपनो
से हि लिपट जाता है
रिश्तों को बचाइए क्योंकि आज इतना
अकेला हो गया है इन्सान'कि
कोई फोटो लेने वाला ही नही!
सेल्फी लेनी पड़ती है
जिसे लोग फैशन मानते है
सुविचार इस शब्द में ही विचार आता है विचारों की इस बदलती श्रृंखला में ओर बदलते दौर में हमे सुविचार के माध्यम से कुछ कर दिखाने की प्रेरणा मिलती है हमारे लिए प्रेरणादायक होंगे.. सुविचार – Suvichar पढ़ने के बाद हमारे मन को एक नयी उर्जा मिलती है, जो हमें हमारे सभी काम सकारात्मक उर्जा के साथ करने के लिए प्रेरित करती है यदि आपको मेरी पोस्ट अछि लगती है तो फॉलो करें ।
सीख तो उस बालक से लेनी चाहीये
जो अपनो की मार खाके अपनो
से हि लिपट जाता है
रिश्तों को बचाइए क्योंकि आज इतना
अकेला हो गया है इन्सान'कि
कोई फोटो लेने वाला ही नही!
सेल्फी लेनी पड़ती है
जिसे लोग फैशन मानते है
विक्रम संवत...........२०७५
मास..............कार्तिक
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............एकादशी
वार..............शनिवार
दिनांक.......... ३-११-२०१८
🌺 सुप्रभातम् 🌺 🙏🏽
सुविचार:▶ " किसी भी विषय के अधूरे ज्ञान की अपेक्षा,
उस विषय का अज्ञान अधिक उत्तम है।"
उड़ते सितारे तब सबसे ज्यादा रोशन होते है जब वो टुटते है इसी प्रकार जब आप टूटे तो हारे नही आपके चमकने का समय आगया है आगे बढ़ते रहे
विक्रम संवत...........२०७५
मास..............कार्तिक
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............नवमी
वार..............शुक्रवार
दिनांक.......... २-११-२०१८
🌸 शुभम मंगल 🌸 🙏🏽
सुविचार:↔ " बुद्धिमानी व्यक्ति को जितने अवसर मिलते हैं,
उससे भी अधिक अवसर
वह उत्पन्न कर लेता है।"
विक्रम संवत...........२०७५
मास..............कार्तिक
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............अष्टमी
वार..............गुरूवार
दिनांक.......... १-११-२०१८
🌻 भारत माता की जय 🌻🙏🏽
सुविचार:▶ " ईश्वर ने दूसरों को क्या दिया है,
यह देखने में हम इतने व्यस्त होते हैं की,
ईश्वर ने हमें क्या दिया है,
वो देखने का हमें वक़्त ही नहीं होता है।"
विक्रम संवत...........२०७५
मास..............कार्तिक
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............सप्तमी
वार..............बुधवार
दिनांक.......... ३१-१०-२०१८
🍁 वंदे मातरम् 🍁 🙏🏽
सुविचार:👉 " जो हमेशा कहे मेरे पास समय नहीं है,
असल में वह व्यस्त नहीं बल्कि अस्त-व्यस्त है।"
लगभग दस साल का बालक राधा का गेट बजा रहा है।
राधा ने बाहर आकर पूंछा
"क्या है ? "
"माता जी क्या मैं आपका बगीचा साफ कर दूं ?"
"नहीं, हमें नहीं करवाना।"
हाथ जोड़ते हुए दयनीय स्वर में "कृपया माता जी करा लीजिये न, अच्छे से साफ करूंगा।"
द्रवित होते हुए "अच्छा ठीक है, कितने पैसा लेगा ?"
"पैसा नहीं माताजी, खाना दे देना।"
" ओह !! अच्छे से काम करना।"
"लगता है, बेचारा भूखा है।पहले खाना दे देती हूँ। राधा बुदबुदायी।"
"ऐ
लड़के ! पहले खाना खा ले, फिर काम करना।
"नहीं माताजी, पहले काम कर लूँ फिर आप खाना दे देना।"
"ठीक है ! कहकर राधा अपने काम में लग गयी।"
एक घंटे बाद "माता जी देख लीजिए, सफाई अच्छे से हुई कि नहीं।"
"अरे वाह! तूने तो बहुत बढ़िया सफाई की है, गमले भी पंक्ति से जमा दिए। यहाँ बैठ, मैं खाना लाती हूँ।"
जैसे ही राधा ने उसे खाना दिया वह जेब से पन्नी निकाल कर उसमें खाना रखने लगा।"
"भूखे काम किया है, अब खाना तो यहीं बैठकर खा ले। जरूरत होगी तो और दे दूंगी।"
"नहीं माताजी, मेरी बीमार माँ घर पर है। सरकारी अस्पताल से दवा तो मिल गयी है,पर डाॅ साहब ने कहा है दवा खाली पेट नहीं खाना है।"
राधा रो पड़ी....
और अपने हाथों से मासूम को उसकी दूसरी माँ बनकर खाना खिलाया।
फिर... उसकी माँ के लिए रोटियां बनाई .. और साथ उसके घर जाकर उसकी माँ को रोटियां दे आयी...
और कह आयी .. बहन आप बहुत अमीर हो....
जो दौलत आपने अपने बेटे को दी है वो हम अपने बच्चो को भी नहीं दे पाते ..
*खुद्धारी की* ...।