रविवार, 4 नवंबर 2018

सीख

सीख तो उस बालक से लेनी चाहीये

जो अपनो की मार खाके अपनो
से हि लिपट जाता है

रिश्तों को बचाइए क्योंकि आज इतना
अकेला हो गया है इन्सान'कि

कोई फोटो लेने वाला ही नही!

सेल्फी लेनी पड़ती है
जिसे लोग फैशन मानते है
     

शनिवार, 3 नवंबर 2018

सुविचार

विक्रम संवत...........२०७५
मास..............कार्तिक
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............एकादशी
वार..............शनिवार
दिनांक.......... ३-११-२०१८




🌺 सुप्रभातम् 🌺 🙏🏽

सुविचार:▶ " किसी भी विषय के अधूरे ज्ञान की अपेक्षा, 
उस विषय का अज्ञान अधिक उत्तम है।"

शुक्रवार, 2 नवंबर 2018

सितारे

उड़ते सितारे तब सबसे ज्यादा रोशन होते है जब वो टुटते है इसी प्रकार जब आप टूटे तो हारे नही आपके चमकने का समय आगया है आगे बढ़ते रहे

सुविचार

विक्रम संवत...........२०७५
मास..............कार्तिक
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............नवमी
वार..............शुक्रवार
दिनांक.......... २-११-२०१८



🌸 शुभम मंगल 🌸 🙏🏽

सुविचार:↔ " बुद्धिमानी व्यक्ति को जितने अवसर मिलते हैं, 
उससे भी अधिक अवसर 
वह उत्पन्न कर लेता है।"

गुरुवार, 1 नवंबर 2018

सुविचार

विक्रम संवत...........२०७५
मास..............कार्तिक
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............अष्टमी
वार..............गुरूवार
दिनांक.......... १-११-२०१८





🌻 भारत माता की जय 🌻🙏🏽

सुविचार:▶ " ईश्वर ने दूसरों को क्या दिया है, 
यह देखने में हम इतने व्यस्त होते हैं की,

ईश्वर ने हमें क्या दिया है, 
वो देखने का हमें वक़्त ही नहीं होता है।"

बुधवार, 31 अक्टूबर 2018

सुविचार

विक्रम संवत...........२०७५
मास..............कार्तिक
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............सप्तमी
वार..............बुधवार
दिनांक.......... ३१-१०-२०१८




🍁 वंदे मातरम् 🍁 🙏🏽

सुविचार:👉 " जो हमेशा कहे मेरे पास समय नहीं है, 
असल में वह व्यस्त नहीं बल्कि अस्त-व्यस्त है।"

मंगलवार, 30 अक्टूबर 2018

खाली पेट -​ (लघुकथा)

लगभग दस साल का बालक राधा का गेट बजा रहा है।
राधा ने बाहर आकर पूंछा
"क्या है ? "
"माता जी क्या मैं आपका बगीचा साफ कर दूं ?"
"नहीं, हमें नहीं करवाना।"
हाथ जोड़ते हुए दयनीय स्वर में "कृपया माता जी करा लीजिये न, अच्छे से साफ करूंगा।"
द्रवित होते हुए "अच्छा ठीक है, कितने पैसा लेगा ?"
"पैसा नहीं माताजी, खाना दे देना।"

" ओह !! अच्छे से काम करना।"
"लगता है, बेचारा भूखा है।पहले खाना दे देती हूँ। राधा बुदबुदायी।"
"ऐ
लड़के ! पहले खाना खा ले, फिर काम करना।

"नहीं माताजी, पहले काम कर लूँ फिर आप खाना दे देना।"
"ठीक है ! कहकर राधा अपने काम में लग गयी।"
एक घंटे बाद "माता जी देख लीजिए, सफाई अच्छे से हुई कि नहीं।"

"अरे वाह! तूने तो बहुत बढ़िया सफाई की है, गमले भी पंक्ति से जमा दिए। यहाँ बैठ, मैं खाना लाती हूँ।"
जैसे ही राधा ने उसे खाना दिया वह जेब से पन्नी निकाल कर उसमें खाना रखने लगा।"

"भूखे काम किया है, अब खाना तो यहीं बैठकर खा ले। जरूरत होगी तो और दे दूंगी।"
"नहीं माताजी, मेरी बीमार माँ घर पर है। सरकारी अस्पताल से दवा तो मिल गयी है,पर डाॅ साहब ने कहा है दवा खाली पेट नहीं खाना है।"

राधा रो पड़ी....
और अपने हाथों से मासूम को उसकी दूसरी माँ बनकर खाना खिलाया।
फिर... उसकी माँ के लिए रोटियां बनाई .. और साथ उसके घर जाकर उसकी माँ को रोटियां दे आयी...
और कह आयी .. बहन आप बहुत अमीर हो....

जो दौलत आपने अपने बेटे को दी है वो हम अपने बच्चो को भी नहीं दे पाते ..
*खुद्धारी की* ...।