गुरुवार, 26 सितंबर 2019

सुविचार

विक्रम संवत...........२०७६
मास.............अश्विन
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............द्वादशी
वार..............गुरूवार
दिनांक...........२६-९-२०१९




🙏🏽 🌷 भारत माता की जय 🌷

सुविचार:- " सब मनुष्यों के कर्मों का लक्ष्य उन्नति की चरम सीमा को प्राप्त करना है।"

NO PLASTIC IN NAVRATRI

*विनम्र निवेदन*

नवरात्रि का त्योहार आने वाला है  प्रथा अनुसार अष्टमी और नवमी के दिन बालिका रूपी देवियों को हम कंजक के रूप में पूजते हैं, और उपहार स्वरूप भेंट भी देते हैं

आमतौर पर देखा गया है कि यह उपहार सस्ते प्लास्टिक या पुनर्नवीनीकरण किए गए प्लास्टिक से बनाए जाते हैं,  प्लास्टिक की बनी ये प्लेटें, कटोरिया और डिब्बे बहुत ही निम्न स्तर के प्लास्टिक के मेटेरियल से बनाए जाते हैं, और उनमें गरम गरम हलवा पूरी परोसा जाता है, जो की सेहत के लिए बहुत ही घातक और जानलेवा है ।
हमारी पृथ्वी पहले ही प्रदूषण का संताप झेल रही है ।
*अतःआप सबसे आग्रह है कि हम सब इस प्लास्टिक को त्यागें और देवी रूपी कंजको को लेखन सामग्री ( Pencil, Eraser, Sharpner, Notebooks etc.) का उपहार भेंट करते हुए शिक्षा का प्रसार करें।*

कृप्या अपने मित्रों और सगे संबंधियों को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करें और स्वस्थ जीवन की ओर अग्रसर हों ।
*आइए हम सब पृथ्वी को प्लास्टिक रहित बनाने की ओर कदम बढ़ाए ।*

*NO PLASTIC IN NAVRATRI*
🙏🙏

बुधवार, 25 सितंबर 2019

सुविचार

विक्रम संवत...........२०७६
मास.............अश्विन
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............एकादशी
वार..............बुधवार
दिनांक...........२५-९-२०१९




🙏🏽 🌺 वंदे मातरम् 🌺

       सुविचार
          👇

" हमें लक्ष्य प्राप्ति के लिये सहज प्रवृत्तियों को होम कर देना होता है।"

मंगलवार, 24 सितंबर 2019

सुविचार

" हम प्रयास करें अपनी आत्मा के छिद्रों को पहचान कर उन्हें सिलने का।"

              👆
            सुविचार

🙏🏽 🚩 जय श्री राम 🚩




विक्रम संवत...........२०७६
मास.............अश्विन
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............दशमी
वार..............मंगलवार
दिनांक...........२४-९-२०१९

सोमवार, 23 सितंबर 2019

लगुकथा

एक राजा था,,,उसने एक सर्वे करने का सोचा कि
मेरे राज्य के लोगों की घर गृहस्थी पति से चलती है या पत्नी से...??
🤷🏻‍♂🤷🏻‍♂

उसने एक ईनाम रखा कि "  जिसके घर में पति का हुक्म चलता हो, उसे मनपसंद घोडा़ ईनाम में मिलेगा और जिसके घर में पत्नी की चलती है वह एक सेब ले जाए.. ।
🐴🍎

एक के बाद एक सभी नगरवासी सेब उठाकर जाने लगे ।
राजा को चिंता होने लगी.. क्या मेरे राज्य में सभी घरों में पत्नी का हुक्म चलता है,,🤔🤔
इतने में एक लम्बी लम्बी मुछों वाला, मोटा तगडा़ और लाल लाल आखोंवाला जवान आया और बोला.....
" राजा जी मेरे घर में मेरा ही हुक्म चलता है .. घोडा़ मुझे दीजिए .."

राजा खुश हो गए और कहा जा अपना मनपसंद घोडा़ ले जाओ..चलो कोई एक घर तो मिला जहाँ पर आदमी की चलती है 😀😀
जवान काला घोडा़ लेकर रवाना हो गया ।
!
घर गया और फिर थोडी़ देर में घोडा लेकर दरबार में वापिस लौट आया।
!
राजा: "क्या हुआ जवाँ मर्द...??? वापिस क्यों आ गये..??"
!
जवान : " महाराज,मेरी घरवाली कह रही है काला रंग अशुभ होता है, सफेद रंग शांति का प्रतिक होता है आप सफेद रंग वाला घोडा लेकर आओ... इसलिए आप मुझे सफेद रंग का घोडा़ दीजिए।
!
राजा: अच्छा... "घोडा़ रख ..और सेब लेकर चलता बन,,,
!
इसी तरह रात हो गई ...दरबार खाली हो गया,, लोग सेब लेकर चले गए ।
!
आधी रात को महामंत्री ने दरवाजा खटखटाया,,,
!
राजा : "बोलो महामंत्री कैसे आना हुआ...???"
!
महामंत्री : " महाराज आपने सेब और घोडा़ ईनाम में रखा है,इसकी जगह अगर एक मण अनाज या सोना वगेरहा रखा होता तो लोग  कुछ दिन खा सकते या जेवर बना सकते थे,,,
!
राजा : "मैं भी ईनाम में यही रखना चाह रहा था लेकिन महारानी ने कहा कि सेब और घोडा़ ही ठीक है इसलिए वही रखा,,,,
!
महामंत्री : " महाराज आपके लिए सेब काट दूँ..!!!😊😊😂😂
!
राजा को हँसी आ गई और पूछा यह सवाल तुम दरबार में या कल सुबह भी पूछ सकते थे आप आधी रात को ही क्यों आये.. ???
!
महामंत्री: "महाराज,मेरी धर्मपत्नी ने कहा अभी जाओ और अभी पूछ के आओ,,,सच्ची घटना का पता तो चले।
!
राजा ( बात काटकर ): "महामंत्री जी, सेब आप खुद ले लोगे या घर भेज दिया जाए ।"
!
*Moral Of The Story...*
*समाज चाहे जितना भी पुरुष प्रधान हो लेकिन*
*संसार स्त्री प्रधान ही है..!!*

*दोस्तो आप सेब यहीं खाओगे या घर ले जाओगे।*😊😊😊😁😁😁😂😂😂

सुविचार

विक्रम संवत...........२०७६
मास.............अश्विन
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............नवमी
वार..............सोमवार
दिनांक...........२३-९-२०१९




🙏🏽 🕉 हर हर महादेव 🕉

सुविचार:➡ "सफलता सार्वजनिक उत्सव है, जबकि असफलता व्यक्तिगत शोक।"

आपकी संतान क्या बन रही है विचारणीय

सोनाक्षी सिन्हा पर तो हँस रहे है पर कान्वेंट में जाने वाली हमारी अपनी संताने भी सोनाक्षी बन रही हैं।

अपना घर साफ करे हिन्दू वीरों, सोनाक्षी पर हँस के बस लाईक मिलेंगे पर अपना घर सुधारने पर दोनों लोक सुधर जायेंगे।

जरा अपनी संतानों से पूछ लो, जटायु कौन हैं, मंदोदरी कौन हैं,  अगस्त्य कौन हैं, शिखण्डी कौन हैं, अम्बा कौन हैं, शकुंतला कौन हैं, विश्वामित्र कौन हैं, तारा, अहिल्या कौन हैं, मामा शल्य किसके मामा थे, पाण्डवों ने कौन से पाँच गाँव माँगे थे.?

अगर इसका तीस प्रतिशत भी सही उत्तर मिलता है तो हमारे बच्चे सही दिशा में हैं, पचास से ऊपर मतलब धर्म की शिक्षा अच्छी चल रही है, 80 से ऊपर मतलब बच्चे का खुद का भी झुकाव हैं इन बातों में (और ये झुकाव आपका ही बनाया होता है, वो वही दुनिया देखेंगे जो आप दिखायेंगे)

जैसे ही बच्चा रोना शुरू किया, ले बेटे मोबाईल देख करके अपने पालक होने के कर्त्तव्य से पीछा छुड़ाने वाले भी सोनाक्षी पर हँसने लायक हो गये हैं। वो जिस क्षेत्र में काम करती है वहाँ ठीक ठाक कर रही है, आप अपना घर सम्भालो।

ले बेटे मोबाईल देख करने के बजाये उसको बोलो कि इधर आजा बच्चे आज प्रह्लाद की कहानी सुनाऊँगा, आज गुरुभक्त आरुणि की, आज रानी दुर्गावती, रानी चेन्नम्मा के अद्भुत साहस और बलिदान की कहानी सुनेंगे।

यदि ऐसा नहीं करते है तो सोनाक्षी पर हँसने के बजाये अपने भविष्य पर रो लेना क्योंकि हमसे पैदा हुई सन्तान हमारी नहीं रहेगी, किसी और सभ्यता की गुलाम हो जाएगी।

अत्यंत विचारणीय.......🤔