विक्रम संवत...........२०७६
मास.............अश्विन
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............त्रयोदशी
वार..............शुक्रवार
दिनांक...........२७-९-२०१९
🙏🏽 💐 शुभम मंगल 💐
सुविचार:▶ " सार्थकता प्राप्त करने के लिए स्पष्ट चित्र बिल्कुल अनिवार्य है।"
सुविचार इस शब्द में ही विचार आता है विचारों की इस बदलती श्रृंखला में ओर बदलते दौर में हमे सुविचार के माध्यम से कुछ कर दिखाने की प्रेरणा मिलती है हमारे लिए प्रेरणादायक होंगे.. सुविचार – Suvichar पढ़ने के बाद हमारे मन को एक नयी उर्जा मिलती है, जो हमें हमारे सभी काम सकारात्मक उर्जा के साथ करने के लिए प्रेरित करती है यदि आपको मेरी पोस्ट अछि लगती है तो फॉलो करें ।
विक्रम संवत...........२०७६
मास.............अश्विन
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............त्रयोदशी
वार..............शुक्रवार
दिनांक...........२७-९-२०१९
🙏🏽 💐 शुभम मंगल 💐
सुविचार:▶ " सार्थकता प्राप्त करने के लिए स्पष्ट चित्र बिल्कुल अनिवार्य है।"
मैं पैदल घर आ रहा था । रास्ते में एक बिजली के खंभे पर एक कागज लगा हुआ था । पास जाकर देखा, लिखा था:
कृपया पढ़ें
"इस रास्ते पर मैंने कल एक 50 का नोट गंवा दिया है । मुझे ठीक से दिखाई नहीं देता । जिसे भी मिले कृपया इस पते पर दे सकते हैं ।" ...
यह पढ़कर पता नहीं क्यों उस पते पर जाने की इच्छा हुई । पता याद रखा । यह उस गली के आखिरी में एक घऱ था । वहाँ जाकर आवाज लगाया तो एक वृद्धा लाठी के सहारे धीरे-धीरे बाहर आई । मुझे मालूम हुआ कि वह अकेली रहती है । उसे ठीक से दिखाई नहीं देता ।
"माँ जी", मैंने कहा - "आपका खोया हुआ 50 मुझे मिला है उसे देने आया हूँ ।"
यह सुन वह वृद्धा रोने लगी ।
"बेटा, अभी तक करीब 50-60 व्यक्ति मुझे 50-50 दे चुके हैं । मै पढ़ी-लिखी नहीं हूँ, । ठीक से दिखाई नहीं देता । पता नहीं कौन मेरी इस हालत को देख मेरी मदद करने के उद्देश्य से लिख गया है ।"
बहुत ही कहने पर माँ जी ने पैसे तो रख लिए । पर एक विनती की - ' बेटा, वह मैंने नहीं लिखा है । किसी ने मुझ पर तरस खाकर लिखा होगा । जाते-जाते उसे फाड़कर फेंक देना बेटा ।'मैनें हाँ कहकर टाल तो दिया पर मेरी अंतरात्मा ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया कि उन 50-60 लोगों से भी "माँ" ने यही कहा होगा । किसी ने भी नहीं फाड़ा ।जिंदगी मे हम कितने सही और कितने गलत है, ये सिर्फ दो ही शक्स जानते है..
परमात्मा और अपनी अंतरआत्मा..!! मेरा हृदय उस व्यक्ति के प्रति कृतज्ञता से भर गया । जिसने इस वृद्धा की सेवा का उपाय ढूँढा । सहायता के तो बहुत से मार्ग हैं , पर इस तरह की सेवा मेरे हृदय को छू गई । और मैंने भी उस कागज को फाड़ा नहीं ।मदद के तरीके कई हैं सिर्फ कर्म करने की तीव्र इच्छा मन मॆ होनी चाहिए
🌿
*कुछ नेकियाँ*
*और*
*कुछ अच्छाईयाँ ..*
*अपने जीवन में ऐसी भी करनी चाहिए,*
*जिनका ईश्वर के सिवाय..*
*कोई और गवाह ना हो...!!*
विक्रम संवत...........२०७६
मास.............अश्विन
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............द्वादशी
वार..............गुरूवार
दिनांक...........२६-९-२०१९
🙏🏽 🌷 भारत माता की जय 🌷
सुविचार:- " सब मनुष्यों के कर्मों का लक्ष्य उन्नति की चरम सीमा को प्राप्त करना है।"
*विनम्र निवेदन*
नवरात्रि का त्योहार आने वाला है प्रथा अनुसार अष्टमी और नवमी के दिन बालिका रूपी देवियों को हम कंजक के रूप में पूजते हैं, और उपहार स्वरूप भेंट भी देते हैं
आमतौर पर देखा गया है कि यह उपहार सस्ते प्लास्टिक या पुनर्नवीनीकरण किए गए प्लास्टिक से बनाए जाते हैं, प्लास्टिक की बनी ये प्लेटें, कटोरिया और डिब्बे बहुत ही निम्न स्तर के प्लास्टिक के मेटेरियल से बनाए जाते हैं, और उनमें गरम गरम हलवा पूरी परोसा जाता है, जो की सेहत के लिए बहुत ही घातक और जानलेवा है ।
हमारी पृथ्वी पहले ही प्रदूषण का संताप झेल रही है ।
*अतःआप सबसे आग्रह है कि हम सब इस प्लास्टिक को त्यागें और देवी रूपी कंजको को लेखन सामग्री ( Pencil, Eraser, Sharpner, Notebooks etc.) का उपहार भेंट करते हुए शिक्षा का प्रसार करें।*
कृप्या अपने मित्रों और सगे संबंधियों को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करें और स्वस्थ जीवन की ओर अग्रसर हों ।
*आइए हम सब पृथ्वी को प्लास्टिक रहित बनाने की ओर कदम बढ़ाए ।*
*NO PLASTIC IN NAVRATRI*
🙏🙏
विक्रम संवत...........२०७६
मास.............अश्विन
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............एकादशी
वार..............बुधवार
दिनांक...........२५-९-२०१९
🙏🏽 🌺 वंदे मातरम् 🌺
सुविचार
👇
" हमें लक्ष्य प्राप्ति के लिये सहज प्रवृत्तियों को होम कर देना होता है।"
" हम प्रयास करें अपनी आत्मा के छिद्रों को पहचान कर उन्हें सिलने का।"
👆
सुविचार
🙏🏽 🚩 जय श्री राम 🚩
विक्रम संवत...........२०७६
मास.............अश्विन
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............दशमी
वार..............मंगलवार
दिनांक...........२४-९-२०१९
एक राजा था,,,उसने एक सर्वे करने का सोचा कि
मेरे राज्य के लोगों की घर गृहस्थी पति से चलती है या पत्नी से...??
🤷🏻♂🤷🏻♂
उसने एक ईनाम रखा कि " जिसके घर में पति का हुक्म चलता हो, उसे मनपसंद घोडा़ ईनाम में मिलेगा और जिसके घर में पत्नी की चलती है वह एक सेब ले जाए.. ।
🐴🍎
एक के बाद एक सभी नगरवासी सेब उठाकर जाने लगे ।
राजा को चिंता होने लगी.. क्या मेरे राज्य में सभी घरों में पत्नी का हुक्म चलता है,,🤔🤔
इतने में एक लम्बी लम्बी मुछों वाला, मोटा तगडा़ और लाल लाल आखोंवाला जवान आया और बोला.....
" राजा जी मेरे घर में मेरा ही हुक्म चलता है .. घोडा़ मुझे दीजिए .."
राजा खुश हो गए और कहा जा अपना मनपसंद घोडा़ ले जाओ..चलो कोई एक घर तो मिला जहाँ पर आदमी की चलती है 😀😀
जवान काला घोडा़ लेकर रवाना हो गया ।
!
घर गया और फिर थोडी़ देर में घोडा लेकर दरबार में वापिस लौट आया।
!
राजा: "क्या हुआ जवाँ मर्द...??? वापिस क्यों आ गये..??"
!
जवान : " महाराज,मेरी घरवाली कह रही है काला रंग अशुभ होता है, सफेद रंग शांति का प्रतिक होता है आप सफेद रंग वाला घोडा लेकर आओ... इसलिए आप मुझे सफेद रंग का घोडा़ दीजिए।
!
राजा: अच्छा... "घोडा़ रख ..और सेब लेकर चलता बन,,,
!
इसी तरह रात हो गई ...दरबार खाली हो गया,, लोग सेब लेकर चले गए ।
!
आधी रात को महामंत्री ने दरवाजा खटखटाया,,,
!
राजा : "बोलो महामंत्री कैसे आना हुआ...???"
!
महामंत्री : " महाराज आपने सेब और घोडा़ ईनाम में रखा है,इसकी जगह अगर एक मण अनाज या सोना वगेरहा रखा होता तो लोग कुछ दिन खा सकते या जेवर बना सकते थे,,,
!
राजा : "मैं भी ईनाम में यही रखना चाह रहा था लेकिन महारानी ने कहा कि सेब और घोडा़ ही ठीक है इसलिए वही रखा,,,,
!
महामंत्री : " महाराज आपके लिए सेब काट दूँ..!!!😊😊😂😂
!
राजा को हँसी आ गई और पूछा यह सवाल तुम दरबार में या कल सुबह भी पूछ सकते थे आप आधी रात को ही क्यों आये.. ???
!
महामंत्री: "महाराज,मेरी धर्मपत्नी ने कहा अभी जाओ और अभी पूछ के आओ,,,सच्ची घटना का पता तो चले।
!
राजा ( बात काटकर ): "महामंत्री जी, सेब आप खुद ले लोगे या घर भेज दिया जाए ।"
!
*Moral Of The Story...*
*समाज चाहे जितना भी पुरुष प्रधान हो लेकिन*
*संसार स्त्री प्रधान ही है..!!*
*दोस्तो आप सेब यहीं खाओगे या घर ले जाओगे।*😊😊😊😁😁😁😂😂😂