गुरुवार, 3 अक्टूबर 2019

सुविचार

" व्यक्ति के पास जितने अधिक विचार होते हैं, उतने ही कम शब्दों में वह उनको अभिव्यक्त कर देता है।"

              👆
            सुविचार

🙏🏽 🚩 जय वैष्णो मां 🚩



विक्रम संवत...........२०७६
मास.............अश्विन
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............पंचमी
वार..............गुरूवार
दिनांक...........३-१०-२०१९

बुधवार, 2 अक्टूबर 2019

सुविचार

विक्रम संवत...........२०७६
मास.............अश्विन
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............चतुर्थी
वार..............बुधवार
दिनांक...........२-१०-२०१९




🙏🏽 🚩 जय जगदम्बे मां 🚩

सुविचार:➡ " उस विचार को रोक पाना नामुमकिन है, जिसका समय आ गया हो।

मंगलवार, 1 अक्टूबर 2019

सुविचार

विक्रम संवत...........२०७६
मास.............अश्विन
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............तृतीया
वार..............मंगलवार
दिनांक...........१-१०-२०१९




🙏🏽 🚩 जय अम्बे मां 🚩

सुविचार:⏩ " सबकी सुनने और मानने वाला किसी नतीजे पर नहीं पहुंचता।"

सोमवार, 30 सितंबर 2019

सुविचार

विक्रम संवत...........२०७६
मास.............अश्विन
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............द्वितीया
वार..............सोमवार
दिनांक...........३०-९-२०१९




🙏🏽 🚩 जय भवानी मां 🚩

सुविचार:↔ " लक्ष्य जितना बड़ा होता है, उसका रास्ता भी उतना ही लंबा और बीहड़ होता है।"

शनिवार, 28 सितंबर 2019

सुविचार

विक्रम संवत...........२०७६
मास.............अश्विन
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............अमावस्या
वार..............शनिवार
दिनांक...........२८-९-२०१९




🙏🏽 🍁 सुप्रभातम् 🍁

सुविचार:👉 " जहां संकल्प बड़ा होता हैं, वहां विपदा और संकट बड़े नहीं हो सकते।"

शुक्रवार, 27 सितंबर 2019

सुविचार

विक्रम संवत...........२०७६
मास.............अश्विन
पक्ष..............कृष्ण
तिथि............त्रयोदशी
वार..............शुक्रवार
दिनांक...........२७-९-२०१९




🙏🏽 💐 शुभम मंगल 💐

सुविचार:▶ " सार्थकता प्राप्त करने के लिए स्पष्ट चित्र बिल्कुल अनिवार्य है।"

गुरुवार, 26 सितंबर 2019

लघुकथा

मैं पैदल घर आ रहा था । रास्ते में एक बिजली के खंभे पर एक कागज लगा हुआ था । पास जाकर देखा, लिखा था:  

कृपया पढ़ें

"इस रास्ते पर मैंने कल एक 50 का नोट गंवा दिया है । मुझे ठीक से दिखाई नहीं देता । जिसे भी मिले कृपया इस पते पर दे सकते हैं ।" ...

यह पढ़कर पता नहीं क्यों उस पते पर जाने की इच्छा हुई । पता याद रखा । यह उस गली के आखिरी में एक घऱ था । वहाँ जाकर आवाज लगाया तो एक वृद्धा लाठी के सहारे धीरे-धीरे बाहर आई । मुझे मालूम हुआ कि वह अकेली रहती है । उसे ठीक से दिखाई नहीं देता ।

"माँ जी", मैंने कहा - "आपका खोया हुआ 50 मुझे मिला है उसे देने आया हूँ ।"

यह सुन वह वृद्धा रोने लगी ।

"बेटा, अभी तक करीब 50-60 व्यक्ति मुझे 50-50 दे चुके हैं । मै पढ़ी-लिखी नहीं हूँ, । ठीक से दिखाई नहीं देता । पता नहीं कौन मेरी इस हालत को देख मेरी मदद करने के उद्देश्य से लिख गया है ।"

बहुत ही कहने पर माँ जी ने पैसे तो रख लिए । पर एक विनती की - ' बेटा, वह मैंने नहीं लिखा है । किसी ने मुझ पर तरस खाकर लिखा होगा । जाते-जाते उसे फाड़कर फेंक देना बेटा ।'मैनें हाँ कहकर टाल तो दिया पर मेरी अंतरात्मा ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया कि उन 50-60 लोगों से भी "माँ" ने यही कहा होगा । किसी ने भी नहीं फाड़ा ।जिंदगी मे हम कितने सही और कितने गलत है, ये सिर्फ दो ही शक्स जानते है..
परमात्मा और अपनी अंतरआत्मा..!! मेरा हृदय उस व्यक्ति के प्रति कृतज्ञता से भर गया । जिसने इस वृद्धा की सेवा का उपाय ढूँढा । सहायता के तो बहुत से मार्ग हैं , पर इस तरह की सेवा मेरे हृदय को छू गई । और मैंने भी उस कागज को फाड़ा नहीं ।मदद के तरीके कई हैं सिर्फ कर्म करने की तीव्र इच्छा मन मॆ होनी चाहिए
🌿
                 *कुछ नेकियाँ*
                    *और*

                *कुछ अच्छाईयाँ ..*

  *अपने जीवन में ऐसी भी करनी चाहिए,*

          *जिनका ईश्वर के सिवाय..*

          *कोई और गवाह  ना हो...!!*