मंगलवार, 30 जून 2020

सुविचार

विक्रम संवत.............२०७७
मास................आषाढ
पक्ष.................शुक्ल
तिथि...............दशमी
वार..................मंगलवार
दिनांक.............३०-६-२०२०





🙏🏽 🚩 जय श्री राम 🚩

           सुविचार
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  " बच्चों को विदेशी लिपि की शिक्षा देना उनको राष्ट्र के सच्चे प्रेम से वंचित करना है।"

सोमवार, 29 जून 2020

सुविचार

"भाषा की समस्या का समाधान सांप्रदायिक दृष्टि से करना गलत है।"
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             सुविचार

🙏🏽 🕉 हर हर महादेव 🕉





विक्रम संवत.............२०७७
मास................आषाढ
पक्ष.................शुक्ल
तिथि...............नवमी
वार..................सोमवार
दिनांक.............२९-६-२०२०

रविवार, 28 जून 2020

हमेशा खुश

*हमेशा खुश रहना चाहिए,क्योंकि परेशान होने से कल की मुश्किल दूर नही होती बल्कि आज का सुकून भी चला जाता है !!*
               *सुप्रभात*

श्रेष्ठ वही है

 *श्रेष्ठ वही है जिसमें...*
*दृढ़ता हो, जिद नहीं.*
*बहादुरी हो, जल्दबाजी नहीं.*
*दया हो, कमजोरी नहीं.*
*ज्ञान हो, अहंकार नहीं*
*करूणा हो, प्रतिशोध नहीं*
*निर्णायकता हो, असमंजस नहीं....*
             *अगर लोग आपकी अच्छाई को आपकी कमजोरी समझने लगते हैं,  तो यह उनकी समस्या है, आपकी नहीं...*
        *सुप्रभात* 
*आपका दिन मंगलमय और शुभ हो ।*

बिता हुआ कल

*आज का प्रेरक प्रसंग*

         !! *बिता हुआ कल* !!
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बुद्ध भगवान एक गाँव में उपदेश दे रहे थे. उन्होंने कहा कि “हर किसी को धरती माता की तरह सहनशील तथा क्षमाशील होना चाहिए. क्रोध ऐसी आग है जिसमें क्रोध करने वाला दूसरोँ को जलाएगा तथा खुद भी जल जाएगा. ”सभा में सभी शान्ति से बुद्ध की वाणी सून रहे थे, लेकिन वहाँ स्वभाव से ही अतिक्रोधी एक ऐसा व्यक्ति भी बैठा हुआ था, जिसे ये सारी बातें बेतुकी लग रही थी। वह कुछ देर ये सब सुनता रहा फिर अचानक ही आग-बबूला होकर बोलने लगा।
 
“तुम पाखंडी हो. बड़ी-बड़ी बाते करना यही तुम्हारा काम. है। तुम लोगों को भ्रमित कर रहे हो. तुम्हारी ये बातें आज के समय में कोई मायने नहीं रखतीं “ ऐसे कई कटु वचनों सुनकर भी बुद्ध शांत रहे. अपनी बातोँ से ना तो वह दुखी हुए, ना ही कोई प्रतिक्रिया की ; यह देखकर वह व्यक्ति और भी क्रोधित हो गया और उसने बुद्ध के मुंह पर थूक कर वहाँ से चला गया।

अगले दिन जब उस व्यक्ति का क्रोध शांत हुआ तो उसे अपने बुरे व्यवहार के कारण पछतावे की आग में जलने लगा और वह उन्हें ढूंढते हुए उसी स्थान पर पहुंचा, पर बुद्ध कहाँ मिलते वह तो अपने शिष्यों के साथ पास वाले एक अन्य गाँव निकल चुके थे. व्यक्ति ने बुद्ध के बारे में लोगों से पुछा और ढूंढते-ढूंढते जहाँ बुद्ध प्रवचन दे रहे थे वहाँ पहुँच गया। उन्हें देखते ही वह उनके चरणो में गिर पड़ा और बोला, “मुझे क्षमा कीजिए प्रभु !”

बुद्ध ने पूछा : कौन हो भाई ? तुम्हे क्या हुआ है ? क्यों क्षमा मांग रहे हो ?” उसने कहा : “क्या आप भूल गए। .. मै वही हूँ जिसने कल आपके साथ बहुत बुरा व्यवहार किया था. मै शर्मिन्दा हूँ. मै मेरे दुष्ट आचरण की क्षमायाचना करने आया हूँ.” भगवान बुद्ध ने प्रेमपूर्वक कहा : “बीता हुआ कल तो मैं वहीँ छोड़कर आया गया और तुम अभी भी वहीँ अटके हुए हो. तुम्हे अपनी गलती का आभास हो गया , तुमने पश्चाताप कर लिया ; तुम निर्मल हो चुके हो।

अब तुम आज में प्रवेश करो. बुरी बाते तथा बुरी घटनाएँ याद करते रहने से वर्तमान और भविष्य दोनों बिगड़ते जाते है. बीते हुए कल के कारण आज को मत बिगाड़ो.” उस व्यक्ति का सारा बोझ उतर गया. उसने भगवान बुद्ध के चरणों में पड़कर क्रोध त्यागका तथा क्षमाशीलता का संकल्प लिया; बुद्ध ने उसके मस्तिष्क पर आशीष का हाथ रखा. उस दिन से उसमें परिवर्तन आ गया, और उसके जीवन में सत्य, प्रेम व करुणा की धारा बहने लगी।


*शिक्षा*:-
मित्रों, बहुत बार हम भूत में की गई किसी गलती के बारे में सोच कर बार-बार दुखी होते और खुद को कोसते हैं। हमें ऐसा कभी नहीं करना चाहिए, गलती का बोध हो जाने पर हमे उसे कभी ना दोहराने का संकल्प लेना चाहिए और एक नई ऊर्जा के साथ वर्तमान को सुदृढ़ बनाना चाहिए।

शनिवार, 27 जून 2020

सुविचार

विक्रम संवत.............२०७७
मास................आषाढ
पक्ष.................शुक्ल
तिथि...............सप्तमी
वार..................शनिवार
दिनांक.............२७-६-२०२०





🙏🏽💐 सुप्रभातम 💐

सुविचार:▶ " जिस देश को अपनी भाषा और अपने साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता।"

शुक्रवार, 26 जून 2020

गोरी का झुमका

लड़खड़ाती बुढ़िया को उठाने भरे बाजार में कोई ना आया...

गोरी का झुमका क्या गिरा पूरा बाजार घुटनो पे आ गया।।