शुक्रवार, 6 मार्च 2020

सुविचार

विक्रम संवत.............२०७६
मास............फागुन
पक्ष..............शुक्ल
तिथि.............एकादशी
वार...............शुक्रवार
दिनांक..........६-३-२०२०






🙏🏽 🌷 शुभम मंगल 🌷

सुविचार:➡ " मनुष्य का चरित्र वह वस्त्र है जो विचारो के धागो से बनता है।"

गुरुवार, 5 मार्च 2020

सुविचार

विक्रम संवत.............२०७६
मास............फागुन
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............. दशमी
वार............... गुरुवार
दिनांक..........५-३-२०२०






🙏🏽 🍁 भारत माता की जय 🍁

सुविचार:↔ " चरित्र परिवर्तनशील नहीं बल्कि उसका विकास होता है।"

बुधवार, 4 मार्च 2020

सुविचार

विक्रम संवत.............२०७६
मास............फागुन
पक्ष..............शुक्ल
तिथि.............नवमी
वार...............बुधवार
दिनांक..........४-३-२०२०







🙏🏽 🌺 वंदे मातरम् 🌺

सुविचार:⏩ " वह दुर्बल चरित्र वाला है जिसका स्वयं पर काबू नहीं।"

मंगलवार, 3 मार्च 2020

सुविचार

विक्रम संवत.............२०७६
मास............फागुन
पक्ष..............शुक्ल
तिथि.............अष्टमी
वार...............मंगलवार
दिनांक..........३-३-२०२०







🙏🏽 🚩 जय श्री राम 🚩

सुविचार:▶ " गरीबों के सिवाय कुछ ही ऐसे इंसान हैं जो गरीबों के बारे में सोचते हैं।"

सोमवार, 2 मार्च 2020

सुविचार

विक्रम संवत.............२०७६
मास............फागुन
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............. सप्तमी
वार............... सोमवार
दिनांक..........२-३-२०२०







🙏🏽🕉 हर हर महादेव 🕉

सुविचार:▶ " उस मनुष्य से गरीब कोई नहीं है, जिसके पास केवल पैसा है।"

रविवार, 1 मार्च 2020

सुविचार


🙏🏽🕉 हर हर महादेव 🕉

सुविचार:▶ " जैसा हमारा आत्मविश्वास होता है वैसी हमारी  क्षमता होती है।"

क्या दोष था अंकित शर्मा का?

नाखून काटते समय गलती से उंगली का चमड़ा छिल जाय तो काँप उठते हैं हम... आप अंदाजा लगाइए कि उस लड़के को जब 400 बार चाकुओं से काटा गया होगा तो उसे कितनी पीड़ा हुई होगी। उसकी आँखें निकाल ली गयी हैं, उसके शरीर पर तेजाब डाला गया है, एक बार कल्पना कीजिये कि वह कितना तड़पा होगा... सोच कर देखिये कि उसकी जगह आप होते तो...
      क्या सचमुच आपको लगता है कि यह क्षणिक आवेश था? क्या यह आवेश किसी CAA या NRC भर से आ गया है? क्या कोई व्यक्ति इतना क्रूर केवल इसलिए हो जाएगा कि किसी कपिल मिश्रा ने तीन दिन में सड़क खाली कराने की धमकी दी थी? नहीं!
      व्यक्ति के अंदर इतनी घृणा, इतनी क्रूरता एक दिन में नहीं उपजती मित्र! वर्षों लगते हैं इतनी घृणा पालने में... उसके संस्कार में है घृणा... वह जिसको भी काटता, इतनी ही क्रूरता से काटता!
     क्या लगता है, क्या दोष था अंकित शर्मा का? किसी को मारा था उसने? किसी की हत्या की थी? किसी का रेप किया था? नहीं! उसका दोष बस इतना था कि वह ... है न?
     तनिक आगे बढ़ कर देखिये। जिस हत्यारे के घर में यह क्रूर कांड हुआ, उसके समर्थन में जावेद अख्तर खुलेआम उतर गया है। जावेद अख्तर को लोग बुद्धिजीवी कहते हैं, वह प्रबुद्ध वर्ग का हिस्सा है, वह स्वयं को सेकुलर कहता है।
    जावेद के समर्थन का परोक्ष अर्थ यह भी है कि उसे अंकित के शरीर में घुसे 400 चाकुओं पर कोई आपत्ति नहीं, या स्पष्ट कहें तो वह इसका समर्थन करता है। यही जावेद का सच है...
     जानते हैं, अंकित की हत्या केवल उन क्रूर अपराधियों ने नहीं कि जिन्होंने उसके शरीर में छुरा घोंपा था। वे तो मोहरे भर हैं। बड़े अपराधी वे हैं जिन्होंने उन्हें यह कर सकने की हिम्मत दी है। ताहिरों को हिम्मत दी है जावेद अख्तर ने, वारिस पठान ने, रवीश कुमार ने... हिन्दू-मुसलमान न कीजिये, देख लीजियेगा, ताहिर को बचाने के लिए खड़े होने वालों में मुश्लिमों से अधिक हिन्दू होंगे। रवीश होगा, स्वरा होगी, कन्हैया होगा...
     आपकी असली लड़ाई इन रक्त-पिपासुओं से है। ये आपके चारो ओर हैं। आपके समूह मे हैं, आपकी मित्रसूची में हैं। आप कुछ भी कर लें, ये नहीं बदलेंगे। सोये हुए को जगाया जा सकता है, सोने का नाटक करने वाले को नहीं... ये तबतक नहीं जगेंगे जबतक इनके घर से कोई अंकित नहीं हो जाता। इनसे दूर होइये, इनका तिरस्कार कीजिये, थुकिये इनकी विचारधारा पर..
     तराइन के दूसरे युद्ध के समय चुप रहे जयचंद, तो उसके तीसरे वर्ष ही गोरी ने उनकी गर्दन काट दी। 
.. हर तटस्थ व्यक्ति का ऐसा ही अंत होता है।
     क्या कहें! तिरस्कार करना सीखिए, तिरस्कार... अब यही एकमात्र मन्त्र है।
  *याद रहे, आप उन्नीस सौ सैंतालीस से मात्र दस वर्ष पीछे हैं।*