रविवार, 11 नवंबर 2018

शायरों की महफ़िल

1. आईना उससे छीन लाया हूं खुद को नजर लगती रहती हैं।

2. ये तो सोच का फर्क है वरना दोस्ती भी किसी मोहब्बत से कम नही है।

3. कुछ ऐसे हो गए है इस दौर के रिश्ते आवाज तुम न दो तो बोलते वो भी नही है।

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