1. आईना उससे छीन लाया हूं खुद को नजर लगती रहती हैं।
2. ये तो सोच का फर्क है वरना दोस्ती भी किसी मोहब्बत से कम नही है।
3. कुछ ऐसे हो गए है इस दौर के रिश्ते आवाज तुम न दो तो बोलते वो भी नही है।
सुविचार इस शब्द में ही विचार आता है विचारों की इस बदलती श्रृंखला में ओर बदलते दौर में हमे सुविचार के माध्यम से कुछ कर दिखाने की प्रेरणा मिलती है हमारे लिए प्रेरणादायक होंगे.. सुविचार – Suvichar पढ़ने के बाद हमारे मन को एक नयी उर्जा मिलती है, जो हमें हमारे सभी काम सकारात्मक उर्जा के साथ करने के लिए प्रेरित करती है यदि आपको मेरी पोस्ट अछि लगती है तो फॉलो करें ।
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