आप से निवेदन है कि हमें सुबह और सायंकाल आरती के समय जो भी मंदिर पास हो वहाँ पहुंचना चाहिए।
देश में बहुत मंदिर है, जहां लोग घण्टों दर्शन के लिए खड़े रहते हैं, पर हमारे आस पास के मंदिरों की बात करें तो हालात बहुत बुरे हैं।
वहाँ आरती के वक्त झालर, शंख, नगाड़ा बजाने को लोग नहीं होते हैं। कुछ लोगों ने इसका तोड़ निकाला है, इलेक्ट्रिक मशीनें ले आये हैं...
यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण है ?
कोई इस पर विचार नहीं करता, कहने को हम करोड़ों हैं, पर मंदिरों में आरती के वक्त 4 लोग नहीं पहुँच पाते।
इसी कारण मोहल्ले वाले भी एक दूसरे को पहचान नहीं पाते और हिंदुओं में एकता नहीं हो पाती है। जबकि मुस्लिम पाँचों वक्त नमाज़ का समय निकाल लेता है। यदि नहीं तो शुक्रवार को तो छोड़ता ही नहीं । मिलने मिलाने से विचारों का आदान प्रदान भी होता है तथा राम-राम भी हो जाती है। कम से कम ये बात तो उनसे हमें सीखनी ही चाहिए ।
इस पर विचार होना चाहिए,
मंदिर ही हैं जो हमें एक दूसरे से जोड़ने में सहायक हो सकते हैं।
आओ प्रयत्न करें। अपने व्यस्त समय में से कुछ समय धर्म की रक्षा, राष्ट्र की एकता, अखंडता एवं अपने संस्कारों हेतु निकालें। 👏👏👏👏👏👏👏
आप को उचित लगे तो निवेदन स्वीकारे तथा सबको सुझाव भेजे।
🙏
*दो मिनट राष्ट्र के लिए....*
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