विक्रम संवत...........२०८२
मास................... चैत्र
पक्ष..................... शुक्ल
तिथि.................... द्वादशी
वार...................... बुधवार
राहुकाल...........१२:२९-१४:०३तक
दिनांक...........०९-०४-२०२५
🙏🏽 🌺 वंदेमातरम् 🌺
सुविचार:➡️ " सभी मनुष्य अपनी ही गलतियों की वजह से दुखी होते हैं, और वे स्वयं ही अपनी गलतियाँ सुधार कर स्वयं को प्रसन्न कर सकते हैं।"
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