विक्रम संवत...........२०७५
मास..............आश्विन
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............दशमी
वार..............शुक्रवार
दिनांक..........१९-१०-२०१८
🌻 शुभम मंगल 🌻 🙏🏽
सुविचार:↔ " अहंकार हार का द्वार है।"
सुविचार इस शब्द में ही विचार आता है विचारों की इस बदलती श्रृंखला में ओर बदलते दौर में हमे सुविचार के माध्यम से कुछ कर दिखाने की प्रेरणा मिलती है हमारे लिए प्रेरणादायक होंगे.. सुविचार – Suvichar पढ़ने के बाद हमारे मन को एक नयी उर्जा मिलती है, जो हमें हमारे सभी काम सकारात्मक उर्जा के साथ करने के लिए प्रेरित करती है यदि आपको मेरी पोस्ट अछि लगती है तो फॉलो करें ।
विक्रम संवत...........२०७५
मास..............आश्विन
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............दशमी
वार..............शुक्रवार
दिनांक..........१९-१०-२०१८
🌻 शुभम मंगल 🌻 🙏🏽
सुविचार:↔ " अहंकार हार का द्वार है।"
हमारी छोटी सी नटखट सी मिनी कब बडी हो गयी...पता ही नही चला ...जब भी पीछे के पन्ने पलटते है तो बरबस आंखो के सामने वह दिन रेत की तरह से फिसल कर आंखो मे उसके बचपन की तस्वीर बना देती है... उसकी नटखट अठखेलियो को याद करके दिल को आज भी रात की रानी जैसी भीनी सी सुगंध से मन को प्रफुलित कर महका देती है और खुशियो से दामन को भर देती है उस प्यारी सी हमारी लाडली मिनी को जनमदिवस की बहुत बहुत हार्दिक बधाईया व मंगल शुभकामनाऐं...मिनी ..मां भगवती तुम्हारी हर इच्छा को पूरा करे हर सुख संसार का तुम्हार दामन मे हो ...इसी आशिर्वाद के साथ...जय माता दी...🌹 ऐसा कहते हुए भारती जी ने आशिर्वाद दिया।
विक्रम संवत...........२०७५
मास..............आश्विन
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............नवमी
वार..............गुरूवार
दिनांक..........१८-१०-२०१८
🌸 भारत माता की जय 🌸🙏🏽
सुविचार:⏩ " हम अपनी कल्पना को जीवन का मार्गदर्शक बनाए, अपने अतीत को नहीं।"
विक्रम संवत...........२०७५
मास..............आश्विन
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............सप्तमी
वार..............मंगलवार
दिनांक..........१६-१०-२०१८
🍁 जय सिया राम 🍁🙏🏽
सुविचार:➡ " पसंदीदा कार्य हमेशा सफलता,
शांति और आनंद ही देता है।"
महाभारत का युद्ध चल रहा था
एक दिन दुर्योधन के व्यंग्य से आहत होकर "भीष्म पितामह" घोषणा कर देते हैं कि
"मैं कल पांडवों का वध कर दूँगा"
उनकी घोषणा का पता चलते ही पांडवों के शिविर में बेचैनी बढ़ गई
भीष्म की क्षमताओं के बारे में सभी को पता था इसलिए सभी किसी अनिष्ट की आशंका से परेशान हो गए| तब
श्रीकृष्ण ने द्रौपदी से कहा अभी मेरे साथ चलो
श्रीकृष्ण द्रौपदी को लेकर सीधे भीष्म पितामह के शिविर में पहुँच गए
शिविर के बाहर खड़े होकर उन्होंने द्रोपदी से कहा कि - अन्दर जाकर पितामह को प्रणाम करो
द्रौपदी ने अन्दर जाकर पितामह भीष्म को प्रणाम किया तो उन्होंने
*"अखंड सौभाग्यवती भव" का आशीर्वाद दे दिया , फिर उन्होंने द्रोपदी से पूछा कि !!*
"वत्स, तुम इतनी रात में अकेली यहाँ कैसे आई हो, क्या तुमको श्रीकृष्ण यहाँ लेकर आये है" ?
तब द्रोपदी ने कहा कि
"हां और वे कक्ष के बाहर खड़े हैं" तब भीष्म भी कक्ष के बाहर आ गए और दोनों ने एक दूसरे से प्रणाम किया
भीष्म ने कहा
"मेरे एक वचन को मेरे ही दूसरे वचन से काट देने का काम श्रीकृष्ण ही कर सकते है"
शिविर से वापस लौटते समय श्रीकृष्ण ने द्रौपदी से कहा कि -
"तुम्हारे एक बार जाकर पितामह को प्रणाम करने से तुम्हारे पतियों को जीवनदान मिल गया है "
" अगर तुम प्रतिदिन भीष्म, धृतराष्ट्र, द्रोणाचार्य, आदि को प्रणाम करती होती और दुर्योधन- दुःशासन, आदि की पत्नियां भी पांडवों को प्रणाम करती होंती, तो शायद इस युद्ध की नौबत ही न आती "
*......तात्पर्य्......*
वर्तमान में हमारे घरों में जो इतनी समस्याए हैं उनका भी मूल कारण यही है कि
जाने अनजाने अक्सर घर के बड़ों की उपेक्षा हो जाती है
यदि घर के बच्चे और बहुएँ प्रतिदिन घर के सभी बड़ों को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लें तो, शायद किसी भी घर में कभी कोई क्लेश न हो
बड़ों के दिए आशीर्वाद कवच की तरह काम करते हैं उनको कोई "अस्त्र-शस्त्र" नहीं भेद सकता
"निवेदन 🙏 सभी इस संस्कृति को सुनिश्चित कर नियमबद्ध करें तो घर स्वर्ग बन जाय।"
क्योंकि:-
*प्रणाम प्रेम है।*
*प्रणाम अनुशासन है।*
*प्रणाम शीतलता है।*
*प्रणाम आदर सिखाता है।*
*प्रणाम से सुविचार आते है।*
*प्रणाम झुकना सिखाता है।*
*प्रणाम क्रोध मिटाता है।*
*प्रणाम आँसू धो देता है।*
*प्रणाम अहंकार मिटाता है।*
*प्रणाम हमारी संस्कृति है।*
🙏 🙏 🙏
🙏 *सबको प्रणाम* 🙏
विक्रम संवत...........२०७५
मास..............आश्विन
पक्ष..............शुक्ल
तिथि............पंचमी
वार..............शनिवार
दिनांक..........१३-१०-२०१८
🌺 शुभम मंगल 🌺 🙏🏽
सुविचार
👇
" क्रोध और आंधी दोनों बराबर…...
शांत होने के बाद ही पता चलता है
की कितना नुकसान हुआ..?