रविवार, 30 अगस्त 2020

शरणार्थिय रोहिंग्या समुदाय को बांग्लादेश सरकार ने अपने बशन चार द्वीप समहू पर बसाएगा

म्यांमार से पलायन हुए रोहिग्या मुसलमान आज के समय बहुत दयनीय स्थिति में है उनको ना खाने का ठिकाना है और न ही रहने का स्थान है और सबसे बड़ी चिंता का विषय ये है कि कोई भी देश उनको रहने का स्थान नही देना चाहता है जबकि उधर दूसरी तरफ ब्रिटेन हॉन्गकॉन्ग के निवासियों को सभी सुविधाओं के साथ रहने की बात कर रहा है ऐसा क्यों कि वो लोग शिक्षित है और सभ्य है तो कहा गयी मानवता वादी बाते जो मानव को मानव समझा जाता है और उनके लिए सिर्फ ये उम्मीद की जाती है कि आसपास के देश उन्हें रहने का स्थान दे क्योंकि ये लोग अभी अशिक्षित है और माइनॉरिटी में आते है क्या कुछ लोगो की वजह से पूरे समुदाय को दुत्कारना ठीक है क्या ? 

ये समुदाय म्यांमार से पलायन कर बांग्लादेश , मलेशिया , इंडोनेशिया , कंबोडिया, लाओस ओर थाईलैंड  में 2015 में चले गए और अभि तक ये रेफ्यूजी कैम्प में रह रहे है 

बांग्लादेश ने रोहिंग्यया मुसलमान को बशन चार द्वीप में रहने का स्थान दिया है इस आइलैंड को चारपीए व हतिया के नाम से भी जानते है जो आइलैंड अभी 14 साल पहले पद्मा नदी के सिल्ट से बना है ओर 40km का है और वो हर साल पानी मे डूबता है तो क्या ये कहा जाना चाइये की वो उन्हें मारने के लिए छोड़ रहे है वैसे तो बांग्लादेश सरकार ने वह ओर 2300cr(248मिलियन) का निवेश करके वहां रहने का स्थान बनाया है ओर अभी वो 100000 लोगो को रहने के लिए भेजेगा ओर उनका ध्यान रखा जाएगा ऐसा बोल है और 1 साल के बाद फिर सभी को वह भेज दिया जाएगा तो ये कहा तक सही है कि वो लोग किस तरह रहेंगे अपना जीवनव्यापन करेंगे उनको खाने के लिए अधिकत्म तो मछली ही मिलने वाली है बाकी बांग्लादेश सरकार किस तरह की योजना बना रही है ये देखना अभी बाकी है पर जो भी है अभी किसी देश ने तो उनके सेपरेट रहने की बात कही ये भी सही है क्योंकि दो देशों के अलग अलग लोग आपस मे 1 दम से अपना नही सकते है उनके बीच मे हमेशा वाद विवाद रहता है देखना ये है कि कार्य तो अच्छा किया पर जो स्थान चुना है वो सही है या नही कहि ऐसा न हो कि बाढ़ से पीड़ित होने के बाद सभी देशों से मदत मागि जाए फॉउंडेशन की मदत से पैसा प्राप्त किया जाए तो ये बात सबसे दुःखत होगी कि लोगो की जान पैसे के लिए बाली चढ़ा दी जाए।
देखते है बाकी देश अब क्या करते है इन लोगो के लिए।

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