गुरुवार, 25 जून 2020

रिश्ते निभाया कर

खुद को इतना भी मत बचाया कर, बारिशें हो तो भीग जाया कर ।
चांद लाकर कोई नहीं देगा ,
अपने चेहरे से जगमगाया कर ।
अरे कौन कहता है दिल लगाने को, कम-से-कम हाथ तो मिलाया कर ।।

मोहब्बत और चाय

मोहब्बत और चाय एक जैसी होती है,

हर बार वही नयापन हर बार वही ताज़गी..

ध्यान

आप जिस चीज पर ध्यान देना छोड़ देते हैं, वह नष्ट हो ही जाती है..... 

चाहे वह स्वास्थ्य हो, चाहे व्यापार हो, पैसा हो,चाहे संबंध हों अथवा पूरा जीवन ,अतः हर क्षेत्र में जागृति  रखें।


सुविचार

विक्रम संवत.............२०७७
मास................आषाढ
पक्ष.................शुक्ल
तिथि...............चतुर्थी
वार..................गुरूवार
दिनांक.............२५-६-२०२०





🙏🏽🌷 भारत माता की जय 🌷

सुविचार:↔ " संस्कृत मां, हिंदी गृहिणी और अंग्रेजी नौकरानी है।"

बुधवार, 24 जून 2020

क्या विडंबना है! देखिए इन दोनों के कार्यों को।


340 ईस्वी में लिखित एक चीनी ग्रंथ में वर्णित चीनी पारंपरिक जड़ी बूटी चिकित्सा के आधार पर  मलेरिया की दवा और इलाज को पुख्ता करने वाली तू यू यू को 2015 में चिकित्सा का नोबल पुरस्कार मिला था। यू यू को चीनी सरकार ने लगभग 40 साल तक प्रोत्साहित किया, संरक्षण दिया। 

और भारत में आयुर्वेद, चरक और सुश्रुत संहिता जैसे प्राचीन प्रामाणिक ग्रंथों में उल्लिखित इलाज और जड़ी बूटियों पर रिसर्च करके यदि बाबा रामदेव और उनकी पतंजलि प्रयोगशाला वाले corona के इलाज के लिए कोरॉनिल दवाई बनाते हैं तो उसका उपहास उड़ाते हुए उसको बिना परखे ही खारिज किया जा रहा है। खुद सरकार का आयुष मंत्रालय इसे प्रोत्साहित करने की बजाय हज़ार तरीके से इस पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति को हतोत्साहित करने पर आमादा है।      

सिकुलर कीड़े से ग्रसित आदतन  हर भारतीय पद्धति के विरोधियों से तो उम्मीद न थी कि वे इसका स्वागत करते पर सरकार से ये अपेक्षित था कि पतंजलि के इस नवीन दवाई को आगे बढ़ते हुए आयुष मंत्रालय प्रोत्साहित करता, और भी ट्रायल्स करता।

कोरोना की औषधि कोरोनिल क्लिनिकल ट्रायल ?

कल 23 जून 2020 को #पतंजलि ने #कोरोना की औषधि #कोरोनिल बना लेने और परीक्षण में सफल होने का दावा किया। लेकिन आयुर्वेद के सफल प्रयास को न पचाने वाला समूह उसके पीछे पड़ गया...आयुष मंत्रालय भारत सरकार ने भी इसका प्रचार रोकने का आदेश जारी किया। उनको क्लिनिकल ट्रायल से लेकर सबका सबूत देना होगा, फिर उसका कई तरीके का परीक्षण होगा। हमारा मानना है कि इसे सकारात्मक तरीके से लिया जाए। जो भी जांच परीक्षण करना है तेजी से हो। आयुर्वेद का परीक्षण एलोपैथी तरीके से नहीं हो सकता। जिनको विश्वास है उनको खरीदने से नहीं रोका जाना चाहिए...

हां, एक बड़ा पहलू जरूर देखे क्योंकि इसका कोई साइड इफेक्ट तो कम से कम नहीं है.... लोगों को नहीं भूलना चाहिए कि अगर यह दवा कारगर साबित हो गई तो पूरी दुनिया भारतीय चिकित्सा पद्धति #आयुर्वेद की ओर मुड़ेगी। इसे इस रुप में देखिए। हमारे देश में अपनी ही विद्या का उपहास उड़ाने की आत्मघाती मानसिकता है। पतंजलि और #स्वामी_रामदेव का भी उपहास उड़ाया जा रहा है। एलोपैथ ने कोरोना के लिए कई महंगी दवाइयां सामने लाईं जिनसे ठीक होने की गारंटी तक नहीं तथा उनके बहुत से साइड इफ़ेक्ट भी है फिर भी उनका किसी ने उपहास नहीं उड़ाया। अपने देश में कुछ श्रेष्ठ करने की कोशिश हो रही है तो उस पर गर्व करना, उसका समर्थन करना हम कब सीखेंगे ?

पतंजलि को एक सप्ताह का समय देने में क्या समस्या है? 

कौन नहीं जानता कि इस देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़े माफ़ियाओं का कब्जा है। #मन्त्रालय से ले कर #नियामक_संस्थाओं तक में दवा माफ़ियाओं के एजेंट बैठे हुए हैं। 

किस आधार पर #Hydroxychloroquine का उपयोग और निर्यात किया गया? किस आधार पर #plasma_therapy की स्वीकृति दी गयी। किस आधार पर #ग्लेनमार्क को दवा बनाने की अनुमति दे दी गई लेकिन #रामदेवजी द्वारा निर्मित आयुर्वेद की दवा पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया जाए बस। 

कोरोना वायरस के आयुर्वेदिक उपचार एवं सफल अनुसंधान का संक्षिप्त विवरण जो - #आचार्यबालकृष्ण जी ने प्रमाणों व सबूत के साथ रखा वो एक बार आप भी देखे फिर निर्णय करे....

जिन्हें ₹ 535/- वाली आयुर्वेद दवाई पर भरोसा नही हो...
वो 28000/ हजार प्रतिदिन वाला बैड बुक कराने के लिए स्वतंत्र है...

सुविचार

विक्रम संवत.............२०७७
मास................आषाढ
पक्ष.................शुक्ल
तिथि...............तृतीया
वार..................बुधवार
दिनांक.............२४-६-२०२०





🙏🏽🌼 वंदे मातरम् 🌼

सुविचार:↔ " जब से हमने अपनी भाषा का समादर करना छोड़ा तभी से हमारा अपमान और अवनति होने लगी।"