खुद को इतना भी मत बचाया कर, बारिशें हो तो भीग जाया कर ।
चांद लाकर कोई नहीं देगा ,
अपने चेहरे से जगमगाया कर ।
अरे कौन कहता है दिल लगाने को, कम-से-कम हाथ तो मिलाया कर ।।
सुविचार इस शब्द में ही विचार आता है विचारों की इस बदलती श्रृंखला में ओर बदलते दौर में हमे सुविचार के माध्यम से कुछ कर दिखाने की प्रेरणा मिलती है हमारे लिए प्रेरणादायक होंगे.. सुविचार – Suvichar पढ़ने के बाद हमारे मन को एक नयी उर्जा मिलती है, जो हमें हमारे सभी काम सकारात्मक उर्जा के साथ करने के लिए प्रेरित करती है यदि आपको मेरी पोस्ट अछि लगती है तो फॉलो करें ।
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