गुरुवार, 4 जून 2020

मानवता शर्मसार केरल राज्य में ..... हाथनी को बम विस्फोट खाने में दिया


हम क्या थे ओर क्या हो गए आज ऐसी बर्बरता के विचार से ही मन झनजोर गया ।  अगर किसी को हम कुछ दे नही सकते तो उसे दुःख न देवे , क्योंकि जब भी कोई आप पर भरोसा करता है तो वो आप मे ईशवर का प्रतिबिंब देखता है तो अगर आप उसे धोखा दे रहे है तो आप ईश्वरीय शक्ति को नकार रहे है और जब हम ऐसी घिनोनी हरकते करते है तो आपके साथ भी ऐसा ही होता है। 
फिर ये खबर देखने को मिलती है आज ये व्यक्ति दुर्घटना में जल गया,  तो ये उनके दोषो के परिणाम है जो किसी न किसी तरह यही मिलते है। सजा तो अवश्य मिलेगी  ऐसे दुष्ट प्राणी को में घोर निंदा करता हु ऐसे लोगो की ओर ऐसे समाज की ।

ये आपके साथी है इस प्रकति के अंग है  अगर ये महत्वपूर्ण नही होते तो कबके खत्म हो चुके होते और कोई भी देश या राजनीतिक दल इनको कबका खत्म कर चुका होता इसलिए ये हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है इसलिए ही इनके लिए राष्ट्रीय उद्यान की व्यवस्था है आप लोग अगर इनकी सेवा नही कर सकते तो सरकार की मदत से इन्हें वहा पहुँच दे में आपसे इस कार्य की विनती करता हु।

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